सेबी ने म्यूचुअल फंड प्रबंधकों, डीलरों के लिये आचार संहिता पेश की

By भाषा | Updated: November 3, 2020 18:58 IST2020-11-03T18:58:09+5:302020-11-03T18:58:09+5:30

SEBI introduces code of conduct for mutual fund managers, dealers | सेबी ने म्यूचुअल फंड प्रबंधकों, डीलरों के लिये आचार संहिता पेश की

सेबी ने म्यूचुअल फंड प्रबंधकों, डीलरों के लिये आचार संहिता पेश की

नयी दिल्ली, तीन नवंबर बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति एव विनिमय बोर्ड (सेबी) ने कोष प्रबंधकों और संपत्ति प्रबंधन कपनियों (एएमसी) के डीलरों के लिये अचार संहिता पेश की है। इस पहल का मकसद उन्हें और जवाबदेह बनाना है।

इसके अलावा एएमसी को अपनी म्यूचुअल फंड योजनाओं की तरफ से बांड खंड में व्यापार के समाशोधन और निपटान को लेकर स्वयं-समाशोधन सदस्य बनने की अनुमति दी गयी है।

सेबी निदेशक मंडल ने इस संदर्भ में प्रस्ताव को सितंबर में मंजूरी दी थी।

नियामक ने 29 अक्टूबर को जारी अधिसूचना में कहा कि एएमसी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) को यह सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी होगी कि कोष प्रबंधक और डीलर आचार संहिता का पालन करे।

इसमें कहा गया है कि आचार संहिता का अगर उल्लंघन होता है तो उसे एएमसी के निदेशक मंडल और न्यासियों के ध्यानार्थ लाया जाएगा।

फिलहाल, म्यूचुअल फंड नियमों के तहत एएमसी और न्यासियों को आचार संहिता का पालन करना होता है। साथ ही सीईओ को कई जिम्मेदारी दी गयी है।

कोष प्रबंधक और डीलर आचार संहिता से बंधे होंगे और न्यसियों को तिमाही आधार पर स्व-प्रमाणन सौपेंगे। उसमें इस बात का जिक्र होगा कि उन्होंने आचार संहिता का पालन किया है। अगर कोई अपवाद होगा, तो उसका उल्लेख करना होगा।

कोष प्रबंधकों के लिये निवेश का उपयुक्त और पर्याप्त आधार होगा और वे अपने द्वारा प्रबंधित कोष में निवेश को लेकर जवाबदेह होंगे।

साथ ही कोष प्रबंधकों को प्रतिभूतियों की खरीद और बिक्री के निर्णय के लिखित में रिकार्ड रखना होगा। उसमें निर्णय के आधार का विस्तार से उल्लेख होगा। वे ऐसी किसी भी गतिविधियों में शामिल नहीं होंगे जिससे शुद्ध परिसंपत्ति मूल्य (एनएवी) में कृत्रिम तरीके से कोई बढ़ोतरी दिखे।

सेबी ने कहा कि डीलरों को यह सुनिश्चित करना होगा कि आर्डर का क्रियान्वयन बेहतर उपलब्ध शर्तों पर हो। जो भी सौदा हो, उसके लिये उस समय के संबंधित बाजार को ध्यान मे रखा जाएगा। वे सभी यूनिटधारकों के हितों में काम करेंगे।

कोष प्रबंधक और डीलरों को यह सुनिश्चित करना होगा कि निवेश यूनिटधारकों के हित में किये गये हों। वे निष्पक्ष तरीके से काम करेंगे और बाजार प्रतिभागियों के साथ सौदा पारदर्शी तरीके से करेंगे।

साथ ही उन्हें संस्थानों की नीतियों के अनुसार मौजूदा या संभावित हितों के टकराव को चिन्हित करना होगा और उसका समाधान करना होगा। उन्हें नियम के अनुसार प्रतिभूतियों में जो भी हित हैं, उसके बारे में खुलासा करना होगा।

सेबी के अनुसार उनसे उम्मीद की जाती है कि वे अनैतिक व्यापार गतिविधियों या पेशेवर गड़बड़ी, धोखाधड़ी में शामिल नहीं होंगे। वे ऐसा कोई काम नहीं करेंगे, जिससे संगठन या म्यूचुअल फंड उद्योग की साख को बट्टा लगता हो।

Web Title: SEBI introduces code of conduct for mutual fund managers, dealers

कारोबार से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे