सट्टेबाजी एप पर कसेगा शिकंजा?, ‘ऑनलाइन रियल मनी गेमिंग’ मंचों को विनियमित करने वाले विधेयक को मंजूरी

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: August 19, 2025 21:56 IST2025-08-19T17:25:32+5:302025-08-19T21:56:04+5:30

‘मंत्रिमंडल ने ‘ऑनलाइन रियल मनी गेमिंग’ मंचों को विनियमित करने वाले विधेयक को मंजूरी दे दी है। सरकार बुधवार को इस विधेयक को संसद में पेश करने की कोशिश में है।’

screws tightened betting apps Bill regulating 'online real money gaming' platforms approved | सट्टेबाजी एप पर कसेगा शिकंजा?, ‘ऑनलाइन रियल मनी गेमिंग’ मंचों को विनियमित करने वाले विधेयक को मंजूरी

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Highlightsबुधवार को संसद में पेश किए जाने की संभावना है। सूत्र ने मंगलवार को यह जानकारी दी।

नई दिल्लीः केंद्रीय मंत्रिमंडल ने ऑनलाइन गेमिंग के प्रचार और विनियमन से संबंधित एक विधेयक को मंजूरी दे दी है। सरकार पैसे से जुड़े ऑनलाइन गेमिंग सेवा प्रदान करने वाले मंच पर प्रतिबंध लगा सकती है। सूत्र ने बताया कि यह विधेयक बुधवार को संसद में पेश किए जाने की संभावना है। उन्होंने कहा, ‘‘मंत्रिमंडल ने असली पैसे से चलने वाले ऑनलाइन गेमिंग मंच को विनियमित करने वाले विधेयक को मंजूरी दे दी है। सरकार बुधवार को इस विधेयक को संसद में पेश करने की कोशिश कर रही है।’’ इस विधेयक में ऑनलाइन गेम खासकर मौद्रिक प्रोत्साहन वाले खेल खेलने वालों के बीच मानसिक स्वास्थ्य संबंधी गंभीर समस्याओं को ध्यान में रखा गया है। सरकार ने कहा था कि पैसे से जुड़े ऑनलाइन गेमिंग धन शोधन, धोखाधड़ी वाले वित्तीय लेनदेन और साइबर अपराध आदि को बढ़ावा देने का माध्यम प्रदान करती है।

इसके बाद यह निर्णय किया गया। वर्तमान कानूनी ढांचे के अनुसार, राज्य और केंद्र शासित प्रदेश अवैध सट्टेबाजी और जुए पर कार्रवाई सहित अपराधों की रोकथाम, उसका पता लगाने, जांच और अभियोजन के लिए मुख्य रूप से जिम्मेदार हैं। कई वास्तविक धन से जुड़ी गेमिंग कंपनियां खुद को सट्टेबाजी या जुए के मंच से अलग करने और प्रतिबंध से बचने के लिए खुद को ‘कौशल का खेल’ बता रही हैं।

मद्रास उच्च न्यायालय ने जून में तमिलनाडु सरकार के प्रतिबंध को चुनौती देने वाली रियल मनी गेमिंग मंच प्ले गेम्स 24X7, हेड डिजिटल वर्क्स, जंगली गेम्स और अन्य द्वारा याचिका को खारिज कर दिया था। अदालत ने वास्तविक धन वाली गेमिंग कंपनियों की उन दलीलों को खारिज कर दिया जिनमें डिजिटल मंच को विनियमित करने के लिए राज्य के अधिकार क्षेत्र को चुनौती दी गई थी। साथ ही उन्होंने ‘कौशल के खेल’ से ‘संभावना के खेल’ को अलग करने के उनके तर्क को भी खारिज कर दिया।

संसद ने दी खान और खनिज (विकास और विनियमन) संशोधन विधेयक, 2025 को मंजूरी

संसद ने मंगलवार को देश के खनन क्षेत्र के विनियमन और खनिजों के उत्पाद को बढ़ावा देने के प्रावधानों वाले ‘खान और खनिज (विकास और विनियमन) संशोधन विधेयक, 2025’ को पारित कर दिया। राज्यसभा में इस विधेयक पर चर्चा एवं खान और खनन मंत्री जी किशन रेड्डी के जवाब के बाद ध्वनिमत से पारित कर दिया गया।

लोकसभा इसे पहले ही पारित कर चुकी है। राज्यसभा में इस विधेयक पर चर्चा के दौरान कांग्रेस एवं कई अन्य दलों के सदस्य मौजूद नहीं थे। विपक्षी सदस्यों ने मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण के मुद्दे पर सदन से बहिर्गमन किया था। रेड्डी ने विधेयक पर हुई चर्चा के जवाब में कहा कि इस विधेयक के माध्यम से खान एवं खनिज (विकास एवं विनियमन) अधिनियम, 1957 में छह संशोधन संसद के सामने लाए गए हैं।

जो खान क्षेत्र के हित में हैं। उन्होंने कहा कि आज दुनिया में अति महत्वपूर्ण (क्रिटिकल) खनिजों की बेहद मांग है और सोलर पैनल से लेकर विंड टर्मिनल तक, बिजली से लेकर इलेक्ट्रॉनिक्स तक, सेलफोन से लेकर विमानों तक, खेती से लेकर रक्षा और अंतरिक्ष तक हर क्षेत्र में इनकी जरूरत है। खान मंत्री ने कहा कि लिथियम जैसे अति महत्वपूर्ण खनिज की आपूर्ति सुगम बनाने की दिशा में सरकार आगे बढ़ रही है।

उन्होंने कहा कि देश में खनिज उत्पादन को बढ़ाने में इस विधेयक के प्रावधानों से मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि सरकार ने 24 ‘अत्यंत महत्वपूर्ण खनिजां’ को शुल्क रहित आयात करने का निर्णय किया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सरकार ने इसके लिए ‘क्रिटिकल मिनरल मिशन’ बनाने की पहल की है।

इस विधेयक के माध्यम से सरकार का लक्ष्य लिथियम, कोबाल्ट और दुर्लभ मृदा तत्वों सहित बेहद जरूरी खनिजों की निरंतर आपूर्ति सुनिश्चित करना है। खान मंत्री रेड्डी ने कहा कि खनन क्षेत्र में सरकार पूरी पारदर्शिता के साथ आगे बढ़ रही है और उत्पादन को बढ़ाया गया है। उन्होंने कहा कि सहकारी संघवाद की भावना के चलते सभी पक्षों को विश्वास में लिया गया है।

जिसका परिणाम इस क्षेत्र में उल्लेखनीय बदलाव के रूप में सामने आया है। उन्होंने कहा कि ‘‘विकसित भारत’’ का लक्ष्य पूरा करने के संकल्प और विश्व में अहम भूमिका निभाने के उद्देश्य के साथ पूरी ईमानदारी के साथ काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा ‘‘2014 से पहले खनन क्षेत्र में भ्रष्टाचार, भाई-भतीजावाद था और लोगों का भरोसा खत्म हो चुका था।

तब नीति पंगुता का दौर था। लेकिन आज स्थिति पूरी तरह बदल चुकी है। राजग सरकार के अथक प्रयासों का नतीजा है कि आज भारत दूसरा सबसे बड़ा कोयला उत्पादक देश बन चुका है और देश में कोयले का आयात घटा है। ’’ रेड्डी ने कहा कि आज स्थिति यह है कि कोयला ब्लॉक का आवंटन निविदा के माध्यम से किया जाता है और भ्रष्टाचार को जड़ से खत्म किया जा चुका है।

उन्होंने कहा कि आज देश में बिजली संकट बिल्कुल नहीं है क्योंकि बिजली के लिए जितने कोयले की जरूरत है, उतना कोयला देने के लिए सरकार तैयार है। उन्होंने कहा कि खनिज राष्ट्र की संपदा है और इसका उपयोग राष्ट्र के विकास के लिए होना चाहिए। रेड्डी ने कहा कि नयी प्रौद्योगिकियों के उपयोग से खनिजों के उत्पादन में वृद्धि हुई है और उनका राजस्व भी बढ़ा है।

उन्होंने कहा कि रॉयल्टी व्यवस्था के तहत पूरी राशि राज्यों को दी जाती है। रेड्डी के जवाब के बाद विधेयक को ध्वनिमत से पारित कर दिया गया। इसके बाद चार बज कर 45 मिनट पर उच्च सदन की बैठक को बुधवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया।

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