पिछली तिथि से कर मांग को समाप्त करने वाले नियम जल्द तैयार होंगे: सीतारमण

By भाषा | Published: August 16, 2021 11:45 PM2021-08-16T23:45:48+5:302021-08-16T23:45:48+5:30

Rules to end tax demand retrospectively will be ready soon: Sitharaman | पिछली तिथि से कर मांग को समाप्त करने वाले नियम जल्द तैयार होंगे: सीतारमण

पिछली तिथि से कर मांग को समाप्त करने वाले नियम जल्द तैयार होंगे: सीतारमण

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को कहा कि पूर्व तिथि से कर की मांग करने वाले प्रावधानों को समाप्त करने संबंधी नियम जल्द ही तैयार कर लिये जायेंगे। पूर्व तिथि से कर कानून के चलते केयर्न एनर्जी और वोडाफोन पीएलसी से करोड़ों रुपये की कर मांग की गई थी। संसद ने इस महीने की शुरुआत में एक संशोधन कानून पारित कर 2012 के पूर्व तिथि से कर लगाने संबंधी कानून के प्रावधान को निरस्त कर दिया। इस कानून के तहत सरकार को 50 साल पुराने मामले में भी कर लगाने की ताकत दी गई थी। ऐसे मामले जहां विदेशों में बैठकर कंपनियों के मालिकाना हक में बदलाव हुआ और पूंजीगत लाभ की प्राप्त हुई लेकिन ऐसी कंपनियों का ज्यादातर कारोबार भारत में था। वर्ष 2012 के इस कानून का इसतेमाल ब्रिटेन की दूरसंचार कंपनी वोडाफोन, केयर्न एनर्जी सहित 17 कंपनियों पर कुल मिलाकर 1.10 लाख करोड़ रुपये का कर लगाने के लिये किया गया। संशोधित कानून में यह व्यवस्था की गई है कि यदि कंपनियां सभी कानूनी विवाद वापस लेती हैं तो उनसे पिछली तिथि से लिया गया कर वापस कर दिया जायेगा। इसके लिये अब नियमों को तैयार किया जाना है, वित्त मंत्री ने इसी संबंध में कहा कि नियम जल्द तैयार कर लिये जायेंगे। उन्होंने कहा ‘‘मैं इस संबंध में संसद में पारित कानून का अनुसरण करूंगी।’’ सरकार को पिछली तिथि से कर लगाने के इस कानून के तहत वसूली गई 8,100 करोड़ रुपये की राशि लौटानी होगी। इसमें से 7,900 करोड़ रुपये की सबसे अधिक राशि अकेले केयर्न एनर्जी से ही वसूली गई। आयकर विभाग ने केयर्न की उसकी पूर्व भारतीय इकाई में 10 प्रतिशत हिस्सेदारी को बेच दिया, उसके 1,140 करोड़ रुपये के लाभांश को भी जब्त कर लिया। साथ ही 1,590 करोड़ रुपये के कर रिफंड को भी रोक लिया गया था। केयर्न ने मामले को अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता न्यायाधिकरण में चुनौती दी जिसने पिछले साल दिसंबर में सरकार के कदम को गलत करार दिया और पूरी राशि लौटाने का आदेश दिया। इसी प्रकार वोडाफोन को भी 22,100 करोड़ रुपये की आयकर विभाग की कर मांग में मध्यस्थता न्यायाधिकरण से उसके पक्ष में निर्णय मिला। हालांकि सरकार ने दोनों मामले में कंपनियों के पक्ष में दिये फैसले के खिलाफ अपील की। यह पूछे जाने पर कि कया सरकार इन फैसलों को दी गई चुनौती को वापस लेगी। सीतारमण ने जवाब में कहा, ‘‘मैं संसद में पारित कानून का अनुसरण करूंगी। मैं कानून के प्रावधानों का अनुपालन करूंगी, उसके आगे कुछ नहीं।’’ वित्त मंत्री ने कहा कि मंत्रालय के अधिकारी केयर्न, वोडाफोन के साथ विचार विमर्श कर रहे हैं। उनसे पिछली तिथि से जुड़े कर मामलों, कर वापसी और निपटान को लेकर बातचीत हो रही है। हालांकि, उन्होंने कहा, ‘‘इस संबंध में मेरे साथ अब तक कोई बातचीत नहीं हुई है।’’ सरकार के मध्यस्थाता अदालतों के फैसले को मानने से इनकार करने के बाद केयर्न ने विदेशों में स्थित भारतीय संपत्तियों को जब्त करने की तैयारी करनी शुरू कर दी थी। ताकि वह अपनी राशि वसूल कर सके। मई में उसने एयर इंडिया को अमेरिका की अदालत में घसीटा जबकि पिछले महीने भारत सरकार की रियल एस्टेट संपत्ति को जब्त करने को लेकर फ्रांस की अदालत से आदेश हासिल कर लिया। केयर्न को अब रिफंड पाने के लिये उन सभी मामलों को अदालतों से वापस लेना होगा। अन्य कंपनियों को भी अदालतों से मामले वापस लेने होंगे।

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Web Title: Rules to end tax demand retrospectively will be ready soon: Sitharaman

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