आर के सिंह ने बिजली उत्पादकों के मुद्दों पर बैठक की
By भाषा | Updated: September 3, 2021 23:36 IST2021-09-03T23:36:53+5:302021-09-03T23:36:53+5:30

आर के सिंह ने बिजली उत्पादकों के मुद्दों पर बैठक की
विद्युत मंत्री आर के सिंह ने शुक्रवार को स्वतंत्र बिजली उत्पादकों के मुद्दों की समीक्षा की। यह समीक्षा ऐसे समय की गयी है, जब देश में बिजली की मांग बढ़ रही है। बिजली मंत्रालय के बयान के अनुसार, ‘‘केंद्रीय विद्युत और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आर के सिंह ने शुक्रवार को बिजली उत्पादकों के संघ (एपीपी) के सदस्यों से मुलाकात की...।’’ बिजली की बढ़ती मांग को ध्यान में रखते हुए, विद्युत मंत्री ने यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर जोर दिया कि स्थापित विद्युत उत्पादन क्षमता का पूरी तरह से उपयोग किया जाए। इसके लिए उन्होंने शक्ति बी (आठ) (ए) के तहत बिजली खरीद समझौता (पीपीए) नहीं रखने वाले ताप विद्युत संयंत्रों के लिए अल्पावधि कोयला व्यवस्था नीलामी के लिए दिशा-निर्देशों / प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित तथा सरल बनाने के निर्देश दिये। बिजली मंत्रालय ने कोयले की नीलामी के लिये तीन अलग-अलग व्यवस्था अर्थात तीन महीने, छह महीने और एक वर्ष के लिए अपनी सहमति प्रदान कर दी है। कोयला मंत्रालय के परामर्श से मंत्रालय इनका कार्यान्वयन सुनिश्चित करेगा। मंत्रालय कोयले की उपलब्धता लंबी अवधि तक सुनिश्चित कराने के लिये इस बात पर गौर करेगा कि क्या नीलामी की अवधि को एक वर्ष से अधिक समय के लिए बढ़ाया जा सकता है। यदि अवधि को एक वर्ष से अधिक बढ़ाया जाना है तो बैंक गारंटी जारी करने पर भी गौर किया जाएगा। शक्ति बी (तीन) नीलामी (पीपीए के बिना परियोजनाओं के लिए कोयला व्यवस्था) नीति के अनुसार, कोयले की नीलामी के बाद दो साल के भीतर पीपीए (दीर्घकालिक/मध्यम अवधि) जमा करना होता है। एपीपी ने बाजार में पीपीए की कमी को देखते हुए समय सीमा बढ़ाने का अनुरोध किया है। एपीपी ने बैंक गारंटी में भी कमी करने का अनुरोध किया। मंत्रालय ने कोयला मंत्रालय के साथ इस बारे में विचार करने पर सहमति जतायी है। मंत्रालय ने पारस्परिक आधार पर आईपीपी को सलाह दी कि वितरण कंपनियों के बकाये का भुगतान न कर पाने की स्थिति में केंद्रीय बिजली उत्पादकों के बिजली के विनियमन को अव्यवस्थित न होने दे।
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