Retail Inflation: आम आदमी बेहाल, खाद्य वस्तुओं के दाम बढ़े, महंगाई दर में उछाल, मुद्रास्फीति बढ़कर 6.95 प्रतिशत
By भाषा | Published: April 12, 2022 07:36 PM2022-04-12T19:36:46+5:302022-04-12T19:59:41+5:30
Retail Inflation: फरवरी में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति 6.07 प्रतिशत के स्तर पर थी।
Retail Inflation: खाद्य वस्तुओं के दाम चढ़ने से मार्च में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति बढ़कर 6.95 प्रतिशत पर पहुंच गई। मंगलवार को जारी सरकारी आंकड़ों से यह जानकारी मिली है। यह खुदरा मुद्रास्फीति का 17 माह का उच्चस्तर है।
मुद्रास्फीति अब भी भारतीय रिजर्व बैंक के संतोषजनक स्तर से ऊपर बनी हुई है। फरवरी में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति 6.07 प्रतिशत के स्तर पर थी। यह लगातार तीसरा महीना है जबकि खुदरा मुद्रास्फीति छह प्रतिशत से ऊपर बनी हुई है। इससे पहले अक्टूबर, 2020 में खुदरा मुद्रास्फीति 7.61 प्रतिशत के उच्चस्तर पर थी।
Retail Inflation (CPI) reached 6.95% in March 2022: Govt of India
— ANI (@ANI) April 12, 2022
मार्च में खाद्य वस्तुओं के दाम 7.68 प्रतिशत बढ़े। इससे पिछले महीने खाद्य वस्तुओं की मुद्रास्फीति 5.85 प्रतिशत थी। पिछले साल मार्च में खुदरा मुद्रास्फीति 5.52 प्रतिशत और खाद्य मुद्रास्फीति 4.87 प्रतिशत पर थी। रिजर्व बैंक अपनी द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा में मुख्य रूप से खुदरा मुद्रास्फीति के आंकड़ों पर गौर करता है।
सरकार ने रिजर्व बैंक को मुद्रास्फीति को दो से छह प्रतिशत के दायरे में रखने का लक्ष्य दिया हुआ है। जनवरी-मार्च की तिमाही में खुदरा मुद्रास्फीति औसतन 6.34 प्रतिशत रही है। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के आंकड़ों के अनुसार, रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से खाद्य तेलों की कीमतों में उछाल आया है जिसके चलते तेल और वसा खंड की मुद्रास्फीति माह के दौरान बढ़कर 18.79 प्रतिशत पर पहुंच गई।
मार्च में सब्जियों के दाम 11.64 प्रतिशत बढ़े जबकि मांस और मछली की कीमतों में फरवरी, 2022 की तुलना में 9.63 प्रतिशत का इजाफा हुआ। हालांकि, मार्च में ईंधन और प्रकाश खंड की मुद्रास्फीति घटकर 7.52 प्रतिशत पर आ गई, जो फरवरी में 8.73 प्रतिशत थी।
Industrial output growth rises to 1.7 pc in February
— ANI Digital (@ani_digital) April 12, 2022
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रिजर्व बैंक ने पिछले सप्ताह अपनी चालू वित्त वर्ष की पहली मौद्रिक समीक्षा में 2022-23 के लिए मुद्रास्फीति के अनुमान को बढ़ाकर 5.7 प्रतिशत कर दिया है। पहले केंद्रीय बैंक ने मुद्रास्फीति के 4.5 प्रतिशत पर रहने का अनुमान लगाया था। इक्रा की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा, ‘‘उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति हमारी उम्मीदों से अधिक बढ़ी है।
विशेषरूप से खाद्य उत्पादों की महंगाई से मुद्रास्फीति का आंकड़ा ऊपर गया है। ’’ नायर ने कहा, ‘‘मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने अपने रुख में बदलाव का संकेत दिया है। ऐसे में यदि मुद्रास्फीति का आंकड़ा नीचे नहीं आता है, तो ब्याज दरों में बढ़ोतरी का चक्र जून, 2022 से शुरू हो सकता है।’’