‘नवीकरण बिद्युत खरीदने के दीर्घकालीन समझौते से बचने के वितरण कंपनियों के रुझान का समाधान हो’

By भाषा | Updated: March 19, 2021 21:29 IST2021-03-19T21:29:47+5:302021-03-19T21:29:47+5:30

'Resolve the trend of distribution companies to avoid long term agreement to buy renewal power' | ‘नवीकरण बिद्युत खरीदने के दीर्घकालीन समझौते से बचने के वितरण कंपनियों के रुझान का समाधान हो’

‘नवीकरण बिद्युत खरीदने के दीर्घकालीन समझौते से बचने के वितरण कंपनियों के रुझान का समाधान हो’

नयी दिल्ली, 19 मार्च संसद की एक समिति ने शुक्रवार को बिजली मंत्रालय से नवीकरणीय ऊर्जा की दरों में गिरावट के मुद्दे के समाधान के लिये नीति दस्तावेज शीघ्र लाने को कहा है। दरों में कमी गिरावट के रूख के चलते वितरण कंपनियां नवीकरणी विद्युत उत्पादकों के साथ दीर्घकालीन बिजली खरीद समझौते को लेकर इच्छुक नहीं हैं। समिति ने कहा कि यह कठित समस्या बन गयी है।

ऊर्जा पर संसद की स्थायी सममिति को यह जानकारी दी गयी कि बिजली मंत्रालय इस समस्या के समाधान पर गौर कर रहा है और इस संदर्भ में नीति दस्तावेज लाएगा।

समिति ने शुक्रवार को संसद में पेश बिजली मंत्रालय पर 16वीं रिपोर्ट में कहा, ‘‘समिति उम्मीद करती है कि मंत्रालय नीति दस्तावेज को तेजी से अंतिम रूप देगा।’’

इसमें कहा गया है, ‘‘दीर्घकालीन बिजली खरीद समझौता (पीपीए) एक गंभीर समस्या बन गया है। सौर बिजली आने के साथ इसके शुल्क दरों में लगातार कमी आ रही है।’’

रिपोर्ट के अनुसार हाल के वर्षों में यह देखा गया है कि सौर बिजली दरें आक्रमक तरीके से बोली जा रही हैं, इससे वितरण कंपनियां दीर्घकालीन पीपीए को इच्छुक नहीं है।

समिति ने कहा, ‘‘स्थिति से समस्या उत्पन्न हो रही है। क्योंकि किसी भी नई बजली परियोजना के वित्त पोषण के लिये पीपीए पूर्व शर्त हैं। दीर्घकालीन पीपीए के अभाव में बिजली क्षेत्र में निवेश आकर्षित करना मुश्किल हो सकता है।’’

समिति ने संसद में पेश नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (एमएनआरई) की 17वीं रिपोर्ट में कहा, ‘‘मंत्रालय (एमएनआरई) को 2022 तक 1,75,000 मेगावाट नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन क्षमता स्थापित करने का लक्ष्य हासिल करने के लिये मिशन के रूप में काम करना चाहिए।’’

सरकार ने 2022 तक 1,75,000 मेगावाट नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता स्थापित करने का लक्ष्य रखा है। इसमें 1,00,000 मेगावाट सौर ऊर्जा तथा 60,000 मेगावाट पवन ऊर्जा शामिल हैं।

एक जनवरी 2021 की स्थिति के अनुसार 92,540 मेगावाट नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता स्थापित की जा चुकी है। इसमें 38,790 मेगावाट सौर ऊर्जा तथा 38,680 मेगावाट पवन ऊर्जा शामिल हैं।

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Web Title: 'Resolve the trend of distribution companies to avoid long term agreement to buy renewal power'

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