रूस से कच्चे तेल का आयात कर भारत ने 35,000 करोड़ से अधिक की बचत की: रिपोर्ट

By अनिल शर्मा | Published: December 9, 2022 12:17 PM2022-12-09T12:17:14+5:302022-12-09T12:23:25+5:30

दुनिया में तेल का दूसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता चीन भी रूस से रियायती मूल्य पर तेल खरीदता रहा है। चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने हाल ही में कहा था कि चीन रूस के साथ घनिष्ठ ऊर्जा साझेदारी बनाने के लिए काम करने को तैयार है।

report said India saved over Rs 35,000 crore with discounted Russian crude, may continue buying | रूस से कच्चे तेल का आयात कर भारत ने 35,000 करोड़ से अधिक की बचत की: रिपोर्ट

रूस से कच्चे तेल का आयात कर भारत ने 35,000 करोड़ से अधिक की बचत की: रिपोर्ट

Highlightsमई में भारत ने 16 डॉलर प्रति बैरल की छूट पर रूसी तेल खरीदा था। वहीं जून में 14 डॉलर प्रति बैरल, जुलाई में 12 डॉलर प्रति बैरल और अगस्त में 6 डॉलर प्रति बैरल खरीदा।रूस लगातार दूसरे महीने नवंबर में भारत को तेल का शीर्ष आपूर्तिकर्ता था।

एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत ने रियायती रूसी कच्चे तेल को खरीदने में हजारों करोड़ रुपये की बचत की है। भारत ने यह बचत तब की है जब डॉलर के मुकाबले रुपया कमजोर हो चुका है।  यूक्रेन पर हमला करने के बाद रूस के खिलाफ भू-राजनीतिक दबाव बढ़ने के बावजूद, भारत ने यह स्पष्ट कर दिया कि वह अपनी खुद की ऊर्जा जरूरतों को प्राथमिकता देगा और रूस से तेल खरीदना जारी रखेगा।

रिपोर्ट के अनुसार, भारत ने फरवरी से सस्ते रूसी कच्चे तेल का आयात करके 35,000 करोड़ रुपये से अधिक की बचत की है। गौरतलब है कि अपने सबसे बड़े आयातक यूरोप द्वारा प्रतिबंध लगाए जाने के बाद रूस ने एशियाई देशों में तेल की सप्लाई शुरू की थी। अक्टूबर में रूस भारत का सबसे बड़ा तेल सप्लायर बन गया था।

वोर्टेक्सा के मार्केट एनालिटिक्स डेटा के अनुसार, रूस लगातार दूसरे महीने नवंबर में भारत को तेल का शीर्ष आपूर्तिकर्ता था। भारत ने रूस से 909,400 बैरल प्रति दिन (बीपीडी) तेल खरीदा।

Refinitiv और व्यापारियों के डेटा के आधार पर, रॉयटर्स की गणना के अनुसार, नवंबर में भारत ने सभी समुद्री रूसी यूराल क्रूड तेल का लगभग 40 प्रतिशत खरीदा, जो किसी भी अन्य देश की तुलना में अधिक है। रूस से कच्चे तेल की आपूर्ति जून में चरम पर थी और बाद के महीनों में धीरे-धीरे कमी आई।

दुनिया में तेल का दूसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता चीन भी रूस से रियायती मूल्य पर तेल खरीदता रहा है। चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने हाल ही में कहा था कि चीन रूस के साथ घनिष्ठ ऊर्जा साझेदारी बनाने के लिए काम करने को तैयार है।

मई में भारत ने 16 डॉलर प्रति बैरल की छूट पर रूसी तेल खरीदा था। हालांकि छूट कम हो गई है और जून में 14 डॉलर प्रति बैरल, जुलाई में 12 डॉलर प्रति बैरल और अगस्त में 6 डॉलर प्रति बैरल थी।

गौरतलब है कि केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी ने कई मौकों पर कहा कि भारत रूसी तेल पर प्राइस कैप की संभालनाओं पर विचार करेगा और देश हित को ध्यान में रखते हुए प्रतिक्रिया देगा। उन्होंने कहा कि अपने उपभोक्ताओं को ईंधन की सप्लाई सुनिश्चित करना सरकार का कर्तव्य है।

Web Title: report said India saved over Rs 35,000 crore with discounted Russian crude, may continue buying

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