अमरावती, नौ मार्च आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाई एस जगन मोहन रेड्डी ने नवरत्न कंपनी विशाखापत्तनम इस्पात संयंत्र (वीएसपी) को पटरी पर लाने के लिये विभिन्न विकल्पों पर विचार के लिये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने का समय मांगा है। उन्होंने कंपनी के विनिवेश के केंद्र के कदम को वापस लेने की अपनी मांग भी दोहरायी।
मुख्यमंत्री ने मंगलवार को कहा कि वह सभी दलों और श्रमिक संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ प्रधानमंत्री से मुलाकात कर आंध्र प्रदेश की जनता, कर्मचारियों और विभिन्न पक्षों की चिंताओं से अवगत करना चाहते हैं।
जगन मोहन रेड्डी के इस कदम को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के बयान के बाद उत्पन्न स्थिति को संभालने के रूप में देखा जा रहा है। सीतारमण ने सोमवार को संसद में कहा था कि आरआईएनएल में विनिवेश को लेकर राज्य सरकार के साथ विचार-विमर्श किया गया था। हालांकि, आंध्र प्रदेश सरकार की वीएसपी में कोई हिस्सेदारी नहीं है।
सीतारमण ने कहा कि मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति ने राष्ट्रीय इस्पात निगम लि. (वीएसपी की कॉरपोरेट इकाई) में भारत सरकार की 100 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचे जाने को सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है।
इस बयान के बाद विशाखापत्तनम में मंगलवार को विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया। विपक्षी दलों और श्रमिक संगठनों ने जगन सरकार पर इस्पात संयंत्र के निजीकरण में शामिल होने का आरोप लगाया।
मुख्यमंत्री ने सीतारमण के बयान का हवाला देते हुए कहा, ‘‘यह आंध्र प्रदेश की जनता, आरआईएनएल के कर्मचारियों और अन्य पक्षों के लिये चिंता की बात है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मैंने इस संदर्भ में प्रधानमंत्री से मिलने का समय मांगा है।
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