RBI UDGAM Portal: बैंकों में पड़ी है करोड़ों की लावारिस रकम लेकिन नहीं पता कौन है दावेदार? अब उद्नम पोर्टल के जरिए आसानी से करें पता
By अंजली चौहान | Published: August 19, 2023 03:07 PM2023-08-19T15:07:23+5:302023-08-19T15:10:18+5:30
उद्नम वेब पोर्टल लोगों को कई बैंकों में अपनी जमा राशि का आसानी से पता लगाने की अनुमति देता है।
RBI UDGAM Portal: भारतीय रिज़र्व बैंक ने एक केंद्रीकृत वेब पोर्टल, UDGAM (उद्नम) को लॉन्च किया है। इस पोर्टल के जरिए बैंकों में पड़ी लावारिस जमा राशि जिसका दावा नहीं किया गया है उसके बारे में पता लगाया जा सकता है।
आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने एक प्रेस रिलीज के जरिए इसकी जानकारी जनता से साझा की है। यह केंद्रीकृत वेब पोर्टल यह सुनिश्चित करेगा कि बैंकों के पास लावारिस पड़ा हर पैसा उसके असली मालिक तक पहुंचे।
वेब पोर्टल लॉन्च करने से उपयोगकर्ताओं को अपने लावारिस जमा/खातों की पहचान करने में सहायता मिलेगी और वे या तो जमा राशि का दावा करने में सक्षम होंगे या अपने जमा खातों को अपने संबंधित बैंकों में चालू कर सकेंगे।
रिजर्व बैंक सूचना प्रौद्योगिकी प्राइवेट लिमिटेड (ReBIT), भारतीय वित्तीय प्रौद्योगिकी और संबद्ध सेवाएँ (IFTAS) और भाग लेने वाले बैंकों ने पोर्टल विकसित करने में सहयोग किया है।
उपयोगकर्ता पोर्टल पर वर्तमान में उपलब्ध सात बैंकों से संबंधित अपनी लावारिस जमा राशि का विवरण प्राप्त कर सकते हैं। ये बैंक हैं सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, डीबीएस बैंक इंडिया लिमिटेड, धनलक्ष्मी बैंक लिमिटेड, पंजाब नेशनल बैंक, साउथ इंडियन बैंक लिमिटेड और स्टेट बैंक ऑफ इंडिया। पोर्टल पर शेष बैंकों की खोज सुविधा चरणबद्ध तरीके से 15 अक्टूबर, 2023 तक उपलब्ध कराई जाएगी।
उद्नम पोर्टल पर कैसे पता करें अनक्लेम्ड डिपॉजिट?
1- सबसे पहले उद्नम पोर्टल की आधिकारिक वेबसाइट https://udgam.rbi.org.in/unclaimed-deposits/#/register पर जाएं।
2- इसके बाद अपने मोबाइल नंबर का उपयोग करके रजिस्टर पर क्लिक करें।
3- आपको अपने मोबाइल नंबर का उपयोग करके खुद को पंजीकृत करना होगा। अपना नाम दर्ज करें, पासवर्ड बनाएं, कैप्चा दर्ज करें और नेक्स्ट पर क्लिक करें।
4- अपने मोबाइल नंबर पर प्राप्त वन टाइम पासवर्ड (ओटीपी) दर्ज करें, और बस हो गया। आपको लॉगिन पृष्ठ पर पुनः निर्देशित किया जाएगा।
5- पोर्टल पर लॉग इन करने के लिए अपना पंजीकृत मोबाइल नंबर और पासवर्ड दर्ज करें। एक बार जब आप विवरण दर्ज कर लेते हैं, तो आगे बढ़ने के लिए आपको फिर से ओटीपी दर्ज करना होगा।
6- अब खाताधारक का नाम दर्ज करके दावा न की गई जमा राशि खोजें। सुनिश्चित करें कि आपके पास पैन, वोटर आईडी, ड्राइविंग लाइसेंस नंबर, पासपोर्ट नंबर या खाताधारक की जन्मतिथि है।
आप अतिरिक्त खोज मानदंड में एक पता भी जोड़ सकते हैं। एक बार जब आप विवरण सही ढंग से दर्ज कर लेते हैं, तो आप दावा न की गई जमा राशि की जांच कर सकते हैं।
दरअसल, यह उन लोगों की सहायता करने में काफी मददगार होगा जिन्होंने कई वर्षों में कई खाते खोले हैं और उनका पता नहीं चल पाया है या उनमें पड़े हजारों करोड़ रुपये के फंड के बारे में अनजान हैं।
यूडीजीएएम केवल ई-बैंकिंग सेवाओं में एक नवाचार नहीं है; यह एक पारदर्शी वित्तीय पारिस्थितिकी तंत्र के निर्माण में योगदान देता है। जमाकर्ताओं के लिए उनकी लावारिस जमा राशि का पता लगाने के लिए एक विश्वसनीय माध्यम के रूप में कार्य करने से उपेक्षित वित्तीय परिसंपत्तियों का जोखिम कम हो जाता है और बैंकिंग प्रणाली में विश्वास मजबूत होता है।
इस तरह की पहल भारत के बैंकिंग क्षेत्र में लगातार सुधार और आधुनिकीकरण करते हुए उपयोगकर्ता की जरूरतों को पूरा करने के आरबीआई के दृढ़ संकल्प को दर्शाती है।