RBI MPC Updates: मकान, वाहन समेत विभिन्न कर्जों पर ईएमआई में कोई बदलाव नहीं, रेपो दर को 6.5 प्रतिशत पर बरकरार, जानें बड़ी बातें
By सतीश कुमार सिंह | Published: August 10, 2023 10:50 AM2023-08-10T10:50:47+5:302023-08-10T11:01:11+5:30
RBI MPC Updates: RBI निकट-क्षेत्र संचार का उपयोग करके UPI के ऑफ़लाइन भुगतान की अनुमति देगा। यूपीआई लाइट के माध्यम से भुगतान सीमा ₹200 से बढ़ाकर ₹500 की गई।
RBI MPC Updates: आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने आज अपनी मौद्रिक नीति समिति के ब्याज दर फैसले की घोषणा की। उन्होंने वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं के बीच केंद्रीय बैंक द्वारा लिए गए अन्य फैसलों की भी घोषणा की। विशेषज्ञों ने पहले अनुमान लगाया था कि आरबीआई एमपीसी प्रमुख नीतिगत दर को अपरिवर्तित रखेगी।
RBI निकट-क्षेत्र संचार का उपयोग करके UPI के ऑफ़लाइन भुगतान की अनुमति देगा। यूपीआई लाइट के माध्यम से भुगतान सीमा ₹200 से बढ़ाकर ₹500 की गई। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने गुरुवार को एमपीसी की बैठक में कहा कि 2,000 रुपये के नोट को वापस लेना एक अस्थायी उपाय है।
#WATCH | RBI Governor Shaktikanta Das says "Our economy has continued to grow at a reasonable pace becoming the 5th largest economy in the world, contributing around 15% to global growth" pic.twitter.com/QKK2fJHsdu
— ANI (@ANI) August 10, 2023
भारतीय रिजर्व बैंक ने बृहस्पतिवार को लगातार तीसरी बार नीतिगत दर रेपो को 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा है। इसका मतलब है कि मकान, वाहन समेत विभिन्न कर्जों पर मासिक किस्त (ईएमआई) में कोई बदलाव नहीं होगा। इसके साथ ही केंद्रीय बैंक ने चालू वित्त वर्ष के लिए अपने आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को भी 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा है।
#WATCH | RBI Governor Shaktikanta Das says "Monetary Policy Committee decided unanimously to keep the Repo Rate unchanged at 6.50%" pic.twitter.com/138ppkCarB
— ANI (@ANI) August 10, 2023
जानें मुख्य बातेंः
1ः हालिया हफ्तों में कच्चे तेल की कीमतों में अस्थिरता रही है और मांग तथा आपूर्ति की अनिश्चितताओं के कारण क्षेत्र में कई आशंकाए हैं
2ः दो हजार का नोट वापस लेने, सरकार को लाभांश की वजह से अधिशेष तरलता का स्तर बढ़ा है
3ः नकद आरक्षित अनुपात (सीआरआर) 4.5 प्रतिशत पर यथावत
4ः चालू खाते का खाता काफी हद तक प्रबंधन के दायरे में। इसे सेवा निर्यात और विदेश में रहने वाले भारतीयों द्वारा भेजे जाने वाले धन से मदद मिलेगी
5ः अप्रैल-मई के दौरान शुद्ध रूप से प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) गिरकर 5.5 अरब डॉलर हुआ, जो पिछले वर्ष की समान अवधि में 10.6 अरब डॉलर था
6ः फ्लोटिंग ब्याज दर वाले कर्ज के लिए ब्याज दरें नए सिरे से तय करने के लिए एक पारदर्शी प्रणाली का प्रस्ताव
7ः जनवरी 2023 से भारतीय रुपया स्थिर बना हुआ है, विदेशी मुद्रा भंडार 600 अरब डॉलर के पार
8ः रिजर्व बैंक का कर्ज लेने वाले ग्राहकों को निश्चित ब्याज दर की ओर स्थानांतरित होने की अनुमति देने को एक ढांचा लाने का प्रस्ताव
9ः रिजर्व बैंक नरम नीतिगत रुख को वापस लेने पर ध्यान देना जारी रखेगा
10ः वैश्विक अर्थव्यवस्था के समक्ष मुद्रास्फीति, भूराजनीतिक अनिश्चितता तथा प्रतिकूल मौसम परिस्थितियों की चुनौतियां
11ः ग्रामीण क्षेत्रों में रोजमर्रा के उपभोग के सामान की बिक्री बढ़ी, जो ग्रामीण मांग में सुधार का संकेत, खरीफ की कटाई के साथ यह और सुधरेगी
12ः वाणिज्यिक क्षेत्र को संसाधनों का प्रवाह इस साल बढ़कर 7.5 लाख करोड़ रुपये हुआ। पिछले साल यह 5.7 लाख करोड़ रुपये था
13ः आगामी त्योहारों के दौरान निजी उपभोग तथा निवेश गतिविधियों को समर्थन मिलने की उम्मीद है
14ः टमाटर की कीमतों में उछाल और अनाज, दालों के दाम बढ़ने से मुद्रास्फीति पर असर, सब्जियों की कीमतों में हो सकता है बड़ा सुधार
15ः आरबीआई ने चालू वित्त वर्ष के लिए मुद्रास्फीति का अनुमान बढ़ाकर 5.4 प्रतिशत किया। दूसरी तिमाही में खुदरा मुद्रास्फीति 6.2 प्रतिशत, तीसरी में 5.7 प्रतिशत और चौथी में 5.2 प्रतिशत रहने का अनुमान
16ः जनवरी 2023 से भारतीय रुपया स्थिर बना हुआ है, विदेशी मुद्रा भंडार 600 अरब डॉलर के पार
17ः रिजर्व बैंक का कर्ज लेने वाले ग्राहकों को निश्चित ब्याज दर की ओर स्थानांतरित होने की अनुमति देने को एक ढांचा लाने का प्रस्ताव
18ः रिजर्व बैंक नरम नीतिगत रुख को वापस लेने पर ध्यान देना जारी रखेगा
19ः देश की वृहद आर्थिक स्थिति मजबूत है, दुनिया के लिये आर्थिक वृद्धि का इंजन
20ः भारतीय अर्थव्यवस्था ने महंगाई के नियंत्रण की दिशा में उल्लेखनीय प्रगति की, हालांकि खाद्य मुद्रास्फीति चिंता का विषय
21ः मौद्रिक नीति समिति मुद्रास्फीति पर निगाह रखेगी। मुद्रास्फीति को लक्ष्य के दायरे में लाने को प्रतिबद्ध
22ः भारत वैश्विक चुनौतियों से निपटने के मामले में अन्य देशों के मुकाबले बेहतर स्थिति में, मौजूदा परिस्थतियों को देखते हुए चालू वित्त वर्ष में आर्थिक वृद्धि दर 6.5 प्रतिशत रहने की उम्मीद।
वहीं चालू वित्त वर्ष 2023-24 के लिए मुद्रास्फीति के अनुमान को बढ़ाकर 5.4 प्रतिशत कर दिया है। मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की मंगलवार से शुरू हुई तीन दिन की बैठक में किये गये निर्णय की जानकारी देते हुए आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा, ‘‘वैश्विक स्तर पर अनिश्चितताओं के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूत बनी हुई है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मौद्रिक नीति समिति ने सभी परिस्थितियों में गौर करने के बाद रेपो दर को 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखने का फैसला किया है।’’ रेपो वह ब्याज दर है, जिसपर वाणिज्यिक बैंक अपनी फौरी जरूरतों को पूरा करने के लिये केंद्रीय बैंक से कर्ज लेते हैं।
आरबीआई ने जून और अप्रैल की पिछली मौद्रिक नीति समीक्षा बैठकों में भी रेपो दर में बदलाव नहीं किया था। इससे पहले, मुख्य रूप से मुद्रास्फीति को काबू में लाने के लिये पिछले साल मई से लेकर कुल छह बार में रेपो दर में 2.50 प्रतिशत की वृद्धि की गई थी।