मुंबई, नौ अगस्त भारतीय रिजर्व बैंक ने दीनदयाल अंत्योदय योजना (डे) - राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम) के तहत स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) के लिए रेहन या गारंटीमुक्त कर्ज की सीमा को 10 लाख रुपये से बढ़ाकर 20 लाख रुपये कर दिया है। केंद्रीय बैंक ने सोमवार को इसे अधिसूचित कर दिया।
डे-एनआरएलएम भारत सरकार की गरीबों विशेषरूप से महिलाओं के मजबूत संस्थानों के निर्माण के जरिये गरीबी उन्मूलन को प्रोत्साहन देने वाली एक प्रमुख योजना है। इसके जरिये इन संस्थानों को व्यापक वित्तीय सेवाएं और आजीविका सुलभ होती है।
रिजर्व बैंक की ओर से सोमवार को जारी सर्कुलर में कहा गया है कि स्वयं सहायता समूहों के लिए 10 लाख रुपये तक के ऋण के लिए किसी तरह की गारंटी की जरूरत नहीं होगी और न ही उनसे कोई मार्जिन लिया जाएगा। इसके अलावा एसएचजी को ऋण मंजूर करते समय उनसे किसी तरह की जमा के लिए नहीं कहा जाएगा।
इसी तरह एसएचजी के लिए 10 लाख रुपये से ऊपर और 20 लाख रुपये तक के ऋण पर कोई गारंटी नहीं ली जाएगी और न ही उनके बचत बैंक खाते पर किसी दावे को लिखा जाएगा।
हालांकि, पूरा ऋण सूक्ष्म इकाइयों के लिए ऋण गारंटी कोष (सीजीएफएमयू) के तहत आने के पात्र होगे। बेशक बकाया कर्ज कितना भी हो, या यह 10 लाख रुपये से नीचे क्यों न चला गया हो।
Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।