रघुराम राजन ने कहा, "भारतीय उत्पादों को 'अल्पसंख्यक विरोधी' छवि के कारण नुकसान उठाना पड़ सकता है"

By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: April 22, 2022 06:31 PM2022-04-22T18:31:38+5:302022-04-22T18:48:01+5:30

भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने टाइम्स नेटवर्क इंडिया इकोनॉमिक कॉन्क्लेव में देश की मौजूदा घटनाओं की ओर इशारा करते हुए कहा कि भारत की बन रही 'अल्पसंख्यक विरोधी' छवि से भारतीय उत्पादों के परेशानी खड़ी हो सकती है।

Raghuram Rajan said, "Indian products may suffer because of 'anti-minority' image" | रघुराम राजन ने कहा, "भारतीय उत्पादों को 'अल्पसंख्यक विरोधी' छवि के कारण नुकसान उठाना पड़ सकता है"

फाइल फोटो

Highlightsरघुराम राजन ने कहा कि मौजूदा धार्मिक उन्माद भारतीय बाजार को नुकसान पहुंचा सकता है अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत की छवि अल्पसंख्यक विरोधी बनती जा रही है, जो भारतीय हितों के विपरीत हैराजन ने कहा कि लोकतंत्र में सभी नागरिकों के साथ सम्मानपूर्वक व्यवहार करना चाहिए

मुंबई: भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर और जानेमाने अर्थशास्त्री रघुराम राजन ने गुरुवार को भारत में कथिततौर पर अल्पसंख्यकों को निशाना बनाए जाने की घटनाओं को लेकर कहा कि 'अल्पसंख्यक विरोधी' छवि के कारण भारतीय उत्पादों के सामने परेशानी खड़ी हो सकती है।

रघुराम राजन ने कहा कि मौजूदा धार्मिक उन्माद भारतीय बाजार को नुकसान पहुंचा सकता है और इसके परिणामस्वरूप विदेशी सरकारों में भी इस बात को लेकर काफी चर्चा हो रही है। उन्होंने कहा कि अगर अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत की छवि अल्पसंख्यक विरोधी बनती है तो इससे कहीं न कहीं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारतीय उत्पादों को नुकसान का सामना करना पड़ सकता है।

टाइम्स नेटवर्क इंडिया इकोनॉमिक कॉन्क्लेव में बोलते हुए राजन ने कहा, "हमें लोकतंत्र के रूप में सभी नागरिकों के साथ सम्मानपूर्वक व्यवहार करना चाहिए। अगर ऐसा नहीं होगा तो हो सकता है कि भारत में निवेश करने वाले विदेशी निवेशक भी इस बात से चिंतित हो सकते हैं कि अगर भारत में अल्पसंख्यक विरोधी घटनाएं होती रही तो ऐसे अशांत माहौल में किसी भी व्यवसाय के लिए स्थितियां ठीक नहीं रहेंगी और छवि बिगड़ने के कारण विदेशी निवेशकों की दिलचस्पी कम हो सकती है।

शिकागो के बूथ स्कूल आफ बिजनेस में प्रोफेसर रघुराम राजन ने कहा कि वैश्विक नजरिये से देखें तो मौजूदा हालात में भारत की छवि तेजी से बदल रही है। भारत पहले अपनी धर्मनिर्पेक्षता और लोकतंत्र के कारण एक ताकतवर देश के रूप में उभर रहा था, लेकिन अब जो छवि बन रही है, उसमें भारत की स्थिति अल्पसंख्यक विरोधी देश जैसी बनती जा रही है।

उन्होंने कहा कि यह केवल उपभोक्ता नहीं हैं जो इस तरह के विकल्प चुनते हैं कि किसको संरक्षण देना है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय संबंधों में गर्मजोशी भी इस तरह की धारणाओं से तय होती है, क्योंकि सरकारें इस आधार पर निर्णय लेती हैं कि कोई देश "विश्वसनीय भागीदार" है या नहीं। यह अपने अल्पसंख्यकों को संभालता है।

इसके साथ ही रघुराम राजन ने केंद्रीय एजेंसियों के कथित दुरूपयोग के बारे में बोलते हुए कहा चुनाव आयोग, प्रवर्तन निदेशालय या केंद्रीय जांच ब्यूरो जैसी संवैधानिक संस्थाओं को कम आंकने से हमारे देश के लोकतांत्रिक चरित्र का क्षरण होता है। राजन ने भारत के अन्य घरेलू मामलों पर टिप्पणी करते हुए कहा कि भारत सरकार द्वारा वापस लिये गये तीन कृषि कानूनों जैसी शर्मिंदगी से बचने के लिए प्रमुख हितधारकों के साथ चर्चा करनी चाहिए। 

Web Title: Raghuram Rajan said, "Indian products may suffer because of 'anti-minority' image"

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