चीन के खिलाफ संरक्षणवादी उपाय अपने को ही नुकसान करने वाली रणनीति: पुणे संस्थान की रपट
By भाषा | Updated: March 23, 2021 23:35 IST2021-03-23T23:35:55+5:302021-03-23T23:35:55+5:30

चीन के खिलाफ संरक्षणवादी उपाय अपने को ही नुकसान करने वाली रणनीति: पुणे संस्थान की रपट
मुंबई , 23 मार्च पुणे इंटरनेशनल सेंटर (पीआईसी) की एक रपट में कहा गया है कि आक्रामक चीन का मुकाबला करने के लिए उसके खिलाफ व्यापार में संरक्षणवादी कदम उठाना एक ‘आत्मघाती रणनीति’ है।
रपट में कहा गया है कि देश की आर्थिक नीति भारत को एक आधुनिक अर्थव्यवस्था बनाने की होनी चाहिए। इस रपट को तैयार करने वालों में गौतम बंबावाले भी हैं जो चीन में भारत के राजदूत रह चुके हैं।
बंबावाले ने संवाददातओं से बातचीत में कहा , ‘‘ हमारा मानना है कि उनमें (संरक्षणवादी उपायों में) एक बड़ा हिस्सा अपने को ही क्षति पहुंचाने वाला है। उनसे चीन के मुकाबले भारत को अधिक क्षति पहुंचेगी।’
पर इस रपट में यह भी कहा गया है भारत में संवेदनशील अवसंरचना क्षेत्र की संपत्तियों पर चीन सरकार के नियंत्रणवाली कंपनियों के नियंणकारी स्वामित्व को रोकने, चीन के प्रौद्योगिकी मानकों से सावधान रहने, और भारतीय लोगों और भारत की इकाइयों की डिजिटल निगरानी करने के चीनी इकाइयों के प्रयासों को रोकने के लिए कुछ उपाय जरूरी हैं।
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