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पीएनबी-नीरव मोदी मामले के बाद इस बैंक ने की दिल्ली के कारोबारी के खिलाफ CBI से शिकायत

By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Updated: February 24, 2018 10:21 IST

बैंक ऑफ महाराष्ट्र (बीओम) ने दिल्ली के कारोबारी के खिलाफ लोन के डिफ़ॉल्ट शिकायत सीबीआई से दर्ज कराई है। 2013 में यह लोन एनपीए में बदल गया था जिसके बाद बैंक ने वसूलने के लिए कर्ज लेने वाले की संपत्ति नीलम कर दी।  

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नई दिल्ली, 24 फरवरी: नीरव मोदी के 11, 300 करोड़ रुपये और रोटोमैक के 3,695 करोड़ के धोखाधड़ी के मामले के बाद अब सीबीआई ने बीते दिनों बैंक से धोखाधड़ी का दूसरा दर्ज किया है। इसमें पिछले दो साल में गैर-निष्पादित परिसंपत्तियों (एनपीए) और धोखाधड़ी के लोन जैसे मामले हैं। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक बैंक ऑफ महाराष्ट्र (बीओम) ने दिल्ली के कारोबारी के खिलाफ लोन के डिफ़ॉल्ट शिकायत सीबीआई से दर्ज कराई है। 2013 में यह लोन एनपीए में बदल गया था जिसके बाद बैंक ने वसूलने के लिए कर्ज लेने वाले की संपत्ति नीलाम कर दी।  

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वहीं बुधवार को पीएनबी ने अपने ब्रांच मैनेजर के खिलाफ फिर सीबीआई से संपर्क किया। रिपोर्ट के मुताबिक, ब्रांच मैनेजर ने 2011 में 2 करोड़ रुपये से ज्यादा को लेकर बैंक को धोखा दिया था फिर बाद में पीएनबी के आंतरिक जांच के बाद इन्हें निलंबित कर दिया था।बीओएम के एफआईआर के मुताबिक अमित सिंघला जोकि दिल्ली स्थित आशीर्वाद चेन एंड कंपनी के मालिक हैं।  बैंक ने 2010 और 2012 के बीच सिंघला को 9। 5 करोड़ का लोन दिया था।  

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बता दें कि पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) के साथ कथित तौर पर हुए 11300 करोड़ रुपये के घोटाले के बाद बैंकों से लिए जाना वाला लोन पूरे देश में चर्चा का विषय है। ताजा रिपोर्ट के अनुसार साल 2016-17 में भारत में हुई 86 प्रतिशत वित्तीय जालसाजी बैंकों से कर्ज से जुड़ी थी।पंजाब नेशनल बैंक से साथ वित्त वर्ष 2016-17 में हुई वित्तीय जालसाजियों में 99 प्रतिशत लोन से जुड़ी हुई है।  टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट में विशेषज्ञों ने दावा किया है कि पीएनबी में इस स्तर पर हो रही जालसाजी बैंक के कर्मचारियों की मिलीभगत के बिना संभव नहीं है। 

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टीओआई की रिपोर्ट के मुताबिक 26 बैंकों ने कहा है कि उनके साथ हुई 97 प्रतिशत जालसाजी पैसों के अग्रिम भुगतान से जुड़ी हुई रहीं। 15 बैंकों ने कहा कि उनके साथ हुई 99 प्रतिशत जालसाजी लोन या कर्ज से जुड़ी हुई थी। आठ अन्य बैंकों ने कहा कि उनके साथ हुए जालसाजी में 90 से 95 प्रतिशत तक लोन से जुड़ी हुई थी।भारतीय रिजर्व बैंक के आंकड़ों के हवाले से टीओआई ने रिपोर्ट की है कि वित्त वर्ष 2016-17 में बैंकों के साथ 23,903 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी हुई। इसमें से 20,561 करोड़ (86 प्रतिशत) रुपये लोन संबंधित था। वित्त वर्ष 2016-17 में पीएनबी को 2788 करोड़ रुपये ( 99। 29 प्रतिशत) रुपये का चूना लगा। आरबीआई वित्त वर्ष 2017-18 में बैंकिंग सेक्टर में  हुए जालसाजियों के आंकड़े इकट्ठा कर रहा है। बैंकों के साथ हुई जालसाजी के पिछले तीन सालों के आंकड़ों के अनुसार 67 प्रतिशत जालसाजियों का संबंध लोन या कर्ज से था। 

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