तियानजिनः प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग से कहा कि भारत आपसी विश्वास, सम्मान और संवेदनशीलता के आधार पर चीन के साथ अपने संबंधों को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है। दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों को पुन: संयोजित करने के लिए व्यापक वार्ता की। टेलीविजन पर प्रसारित अपने आरंभिक भाषण में मोदी ने कहा कि 2.8 अरब लोगों का कल्याण भारत और चीन के बीच द्विपक्षीय सहयोग से जुड़ा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले वर्ष की (सीमा से सैनिकों की) वापसी प्रक्रिया के बाद सीमा पर शांति और स्थिरता है तथा दोनों देशों के बीच सीधी उड़ानें पुनः शुरू की जा रही हैं।
प्रधानमंत्री ने कैलाश मानसरोवर यात्रा के फिर से शुरू होने का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि सीमा प्रबंधन पर हमारे विशेष प्रतिनिधियों के बीच सहमति थी। भारत और चीन के बीच सीमा से संबंधित मुद्दों को सुलझाने के लिए 'सीमा मुद्दे पर विशेष प्रतिनिधियों' का तंत्र है। मोदी ने कहा, “हम आपसी विश्वास, सम्मान और संवेदनशीलता के आधार पर अपने सहयोग को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”
प्रधानमंत्री ने शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की चीन द्वारा सफलतापूर्वक अध्यक्षता किए जाने पर शी को बधाई भी दी। मोदी सात साल के अंतराल के बाद शनिवार को दो दिवसीय यात्रा पर चीन पहुंचे। वह शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए चीन में हैं। यह दोनों नेताओं की करीब 10 महीने बाद पहली मुलाकात की।
व्यापार और शुल्क संबंधी अमेरिकी नीतियों के कारण भारत एवं अमेरिका के संबंधों में अचानक गिरावट आई है। ऐसे में भारत एवं चीन के नेताओं के बीच यह मुलाकात महत्व रखती है। आधिकारिक सूत्रों ने संकेत दिया है कि चर्चा के लिए मुद्दों की व्यापकता को देखते हुए वे दिन में बाद में दोबारा भी मुलाकात कर सकते हैं। पिछली मुलाकात अक्टूबर में रूस के कजान में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान हुई थी।
सोमवार को भारत रवाना होने से पहले मोदी के रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से भी मिलने की संभावना है। एससीओ शिखर सम्मेलन की शुरुआत रविवार को शी जिनपिंग द्वारा आयोजित एक आधिकारिक भोज से होगी। चीन द्वारा आयोजित ‘एससीओ प्लस’ शिखर सम्मेलन में विभिन्न देशों के 20 नेता भाग ले रहे हैं।
चीन इस वर्ष रूस, भारत, ईरान, कजाखस्तान, किर्गिस्तान, पाकिस्तान, ताजिकिस्तान, उज्बेकिस्तान, बेलारूस और चीन के 10 सदस्यीय समूह का अध्यक्ष है। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भी शिखर सम्मेलन में भाग ले रहे हैं। यहां पहुंचे नेताओं में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ, नेपाल के प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली और मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू शामिल हैं।
अधिकतर नेताओं के दो दिवसीय शिखर सम्मेलन के बाद बीजिंग में तीन सितंबर को आयोजित होने वाली चीन की सबसे बड़ी सैन्य परेड देखने के लिए रुकने की संभावना है। यह परेड विश्व फासीवाद विरोधी युद्ध और जापानी आक्रमण के विरुद्ध चीनी जन प्रतिरोध युद्ध में विजय की 80वीं वर्षगांठ के अवसर पर आयोजित की जाएगी।