Petrol-Diesel Prices Today: 3 नवंबर को अपने शहर के पेट्रोल-डीजल के रेट करें पता, जानें कितना हुआ बदलाव
By अंजली चौहान | Updated: November 3, 2025 08:33 IST2025-11-03T08:32:41+5:302025-11-03T08:33:37+5:30
Petrol-Diesel Prices Today: भारत भर में पेट्रोल और डीज़ल की कीमतें 3 नवंबर 2025 को अपरिवर्तित रहेंगी, जो दिसंबर 2024 से 11 महीने की स्थिरता का सिलसिला जारी रखेगी।

Petrol-Diesel Prices Today: 3 नवंबर को अपने शहर के पेट्रोल-डीजल के रेट करें पता, जानें कितना हुआ बदलाव
Petrol-Diesel Prices Today: पेट्रोल और डीज़ल की कीमतें, जो रोज़मर्रा के खर्चों को सीधे प्रभावित करती हैं, देश की तेल विपणन कंपनियाँ (OMC) हर सुबह 6 बजे अपडेट करती हैं। ये कीमतें अंतरराष्ट्रीय कच्चे तेल की कीमतों और डॉलर-रुपये की विनिमय दर के अनुसार बदलती रहती हैं। आप भारत के सभी राज्यों और ज़िलों में आज की पेट्रोल की कीमतें भी देख सकते हैं और उनकी तुलना कल की कीमतों से कर सकते हैं, जिनमें पहले से ही राज्य कर शामिल हैं।
पेट्रोल और डीजल की कीमतें देखें:
शहर पेट्रोल (₹/लीटर) डीजल (₹/लीटर)
दिल्ली 94.72 87.62
मुंबई 104.21 92.15
कोलकाता 103.94 90.76
चेन्नई 100.75 92.34
अहमदाबाद 94.49 90.17
बेंगलुरु 102.92 89.02
हैदराबाद 107.46 95.70
जयपुर 104.72 90.21
लखनऊ 94.69 87.80
पुणे 104.04 90.57
चंडीगढ़ 94.30 82.45
इंदौर 106.48 91.88
पटना 105.58 93.80
सूरत 95.00 89.00
नासिक 95.50 89.50
ईंधन की कीमतें निर्धारित करने वाले कारक
कच्चे तेल की कीमतें: पेट्रोल और डीज़ल मुख्य रूप से कच्चे तेल से उत्पादित होते हैं। जब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमतें बढ़ती हैं, तो इसका सीधा असर भारतीय बाज़ार पर पड़ता है।
डॉलर के मुकाबले रुपया: भारत अपना अधिकांश कच्चा तेल आयात करता है, और इसे डॉलर में खरीदा जाता है। अगर रुपया कमज़ोर होता है, तो ईंधन महंगा हो जाता है।
सरकारी कर और शुल्क: केंद्र और राज्य सरकारें पेट्रोल और डीज़ल पर भारी कर लगाती हैं, जो खुदरा मूल्य का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होता है। यही कारण है कि राज्यों के बीच कीमतों में अंतर होता है।
शोधन लागत: कच्चे तेल को उपयोगी बनाने (शोधन) की प्रक्रिया में भी लागत आती है। यह लागत कच्चे तेल की गुणवत्ता और रिफाइनरी की क्षमता पर निर्भर करती है।
मांग और आपूर्ति संतुलन: यदि बाजार में ईंधन की मांग बढ़ती है, तो कीमतें भी बढ़ जाती हैं। त्योहारों, गर्मी या सर्दियों के दौरान ईंधन की खपत विशेष रूप से अधिक होती है।