आज पेट्रोल-डीजल की कीमतों में सबसे ज्यादा कटौती, 10 दिन बाद 1 रुपये सस्ता हुआ पेट्रोल
By खबरीलाल जनार्दन | Published: June 8, 2018 11:30 AM2018-06-08T11:30:57+5:302018-06-08T11:32:07+5:30
केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने आज उम्मीद जताई कि पेट्रोलियम उत्पादों को जीएसटी के दायरे में ला दिया जायेगा।
नई दिल्ली, 8 जूनः बीते 10 दिनों से चल रही पेट्रोल-डीजल की लगातार कटौती में शुक्रवार को सबसे ज्यादा 22 पैसे तक पेट्रोल और 16 पैसे तक डीजल के भाव कम किए गए। इसी के साथ 29 मई से हो रही कटौती में पेट्रोल 1 रुपए 6 पैसे तक की गिरावट आ गई है। आज दिल्ली में पेट्रोल 77.42 रुपए प्रति लीटर और डीजल 68.58 रुपए प्रति लीटर रहेंगे। अभी भी देश में सबसे ज्यादा महंगा पेट्रोल मुंबई में 85.24 रुपए प्रति लीटर और डीजल 73.02 रुपए प्रति लीटर मिल रहे हैं।
पेट्रोल आज 22 पैसा सस्ता
शहर | शुक्रवार की कीमतें | 7 जून की कीमतें | कितना कम हुआ |
दिल्ली | 77.42 रुपए | 77.63 रुपए | 21 पैसे |
कोलकाता | 80.07 रुपए | 80.28 रुपए | 21 पैसे |
मुंबई | 85.24 रुपए | 85.45 रुपए | 21 पैसे |
चेन्नई | 80.37 रुपए | 80.59 रुपए | 22 पैसे |
आज डीजल 16 पैसे सस्ता
शहर | शुक्रवार की कीमतें | 7 जून की कीमतें | कितना कम हुआ |
दिल्ली | 68.58 रुपए | 68.73 रुपए | 15 पैसे |
कोलकाता | 71.13 रुपए | 71.28 रुपए | 15 पैसे |
मुंबई | 73.02 रुपए | 73.17 रुपए | 15 पैसे |
चेन्नई | 72.40 रुपए | 72.56 रुपए | 16 पैसे |
प्रधान को पेट्रोलियम उत्पादों के जीएसटी दायरे में आने की उम्मीद
केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने आज उम्मीद जताई कि पेट्रोलियम उत्पादों को जीएसटी के दायरे में ला दिया जायेगा। जीएसटी के दायरे में आने से ईंधन की कीमतों में उतार - चढ़ाव को कम करने में मदद मिलेगी। प्रधान ने यहां संवाददाताओं से कहा , ‘‘ दीर्घकाल में पेट्रोलियम उत्पादों को जीएसटी के दायरे में लाना तय है .... यह केवल समय की बात है। इससे पेट्रोल और डीजल की कीमतों में काफी हद तक अंकुश लगाने में मदद मिलेगी।’’
हालांकि, उन्होंने पेट्रोलियम उत्पादों को माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के दायरे में लाने को लेकर समयसीमा बताने से इनकार किया। प्रधान ने हालांकि, कहा कि राज्य पेट्रोलियम पदार्थों को जीएसटी के दायरे में लाने को लेकर इच्छुक नहीं है क्योंकि मौजूदा व्यवस्था में उन्हें अधिक वित्तीय लाभ है। उन्होंने कहा कि पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने से कराधान में एकरूपता आएगी। जीएसटी परिषद इस दिशा में काम कर रही है।
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मंत्री ने कहा कि देश में ईंधन के दाम बढ़ने के मुख्य कारणों में कर शामिल हैं , ऐसे में पेट्रोलियम पदार्थों को जीएसटी दायरे में लाना दीर्घकालीन उपाय हो सकता है और केंद्र इसके समाधान के लिये समग्र रणनीति पर काम कर रहा है। तेल के दाम में वृद्धि के अन्य कारणों में कच्चे तेल की ऊंची कीमत , तेल की भू - राजनीति , डालर तथा भारतीय मुद्रा की विनिमय दरों में उतार - चढ़ाव तथा स्थानीय कर शामिल हैं।
हालांकि, उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार पेट्रोल, डीजल के दाम को आम आदमी की पहुंच से बाहर नहीं जाने देने के लिये प्रतिबद्ध है। सरकार सुधारों के रास्ते से पीछे हटे बिना इनके दाम में आने वाले उतार-चढ़ाव की समस्या से निपटने का समग्र समाधान निकालने के लिये प्रयासरत है। एक सवाल के जवाब में प्रधान ने कहा कि केंद्र नियंत्रण मुक्त ईंधन कीमत व्यवस्था में किसी प्रकार की भी बदलाव लाने के पक्ष में नही है। सरकार ने जो सुधार किये हैं , उससे पांव पीछे नहीं खींचेगी।