नयी दिल्ली, 22 दिसंबर केन्द्रीय मंत्रालयों, राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों ने रहन-सहन और कारोबार सुगम बनाने के लिए कई सुधारों को लागू कर अबतक 25,000 से अधिक अनुपालन बोझ कम किए हैं। सरकार के एक शीर्ष अधिकारी ने बुधवार को यह कहा।
अधिकारी के अनुसार इस साल 15 अगस्त को समाप्त हुई पहल के अंतिम चरण के दौरान इन अनुपालन बोझ को कम किया गया है।
वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के अंतर्गत आने वाला उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) ने कंपनियों और आम लोगों को होने वाली दिक्कतों की पहचान करने के लिए फिर से एक पहल शुरू की है।
लोगों के जीवन में सुगमता लाने और व्यापार करने को आसान बनाने के लिए डीपीआईआईटी ने 22 दिसंबर को 'अनुपालन बोझ को कम करने के लिए सुधारों के अगले चरण' पर एक राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया। इस कार्यशाला में कई केंद्रीय मंत्रालय समेत राज्य और केंद्र शासित प्रदेश भी भाग ले रहे हैं।
डीपीआईआईटी के सचिव अनुराग जैन ने कार्यशाला का उद्घाटन करते हुए कहा, "इस वर्ष 15 अगस्त को समाप्त हुए पहल के अंतिम चरण में 25,000 से अधिक अनुपालन कम किए गए। हालांकि यह इस यात्रा का अंत नहीं है, अभी भी कई अनुपालन बोझ बाकी हैं।"
उन्होंने कहा कि तीन समूह बुधवार को तीन विषयों पर विचार-विमर्श कर कैबिनेट सचिव को अपनी रिपोर्ट सौंपेंगे। ये विषय हैं... प्रभावी शिकायत निवारण व्यवस्था, नागरिक सेवाओं के कुशल वितरण के लिए पहल और सरकारी विभागों के बीच तालमेल बढ़ाना।
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