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OTP and Password Hack: राहत की खबर!, ओटीपी और पासवर्ड हैक से बचिएगा, आईआईटी मंडी ने नई प्रणाली विकसित की, जानें कैसे करेगा काम

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: March 26, 2024 12:01 IST

OTP and Password Hack: आईआईटी मंडी के ‘सेंटर फॉर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एंड रोबोटिक्स’ (सीएआईआर) के अमित शुक्ला और ‘डीप एल्गोरिद्म’ के जेपी मिश्रा शामिल हैं।

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ठळक मुद्दे‘डीप एल्गोरिद्म’ नामक कंपनी इस प्रणाली के विकास में अगुवाई कर रही है।आईआईटी मंडी और आईआईटी कानपुर की परिकल्पना पर तैयार किया गया है।पासवर्ड और अन्य सुरक्षा उपायों पर निर्भर पारंपरिक प्रमाणीकरण तरीके अपर्याप्त साबित होते हैं।

OTP and Password Hack: ओटीपी और पासवर्ड हैक करने की बढ़ती घटनाओं के बीच भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) मंडी के अनुसंधानकर्ताओं ने एक ऐसी प्रणाली विकसित की है जो पारंपरिक तरीकों के उपयोग को समाप्त करते हुए, सुरक्षित प्रमाणीकरण के लिए विशिष्ट उपयोगकर्ता बायोमेट्रिक-आधारित व्यवहार पैटर्न को अपनाएगी। ‘एडीएपीआईडी’ नामक प्रणाली को ‘डीप एल्गोरिद्म’ के सहयोग से विकसित किया गया है, जिसमें आईआईटी मंडी के ‘सेंटर फॉर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एंड रोबोटिक्स’ (सीएआईआर) के अमित शुक्ला और ‘डीप एल्गोरिद्म’ के जेपी मिश्रा शामिल हैं।

‘डीप एल्गोरिद्म’ नामक कंपनी इस प्रणाली के विकास में अगुवाई कर रही है जिसे आईआईटी मंडी और आईआईटी कानपुर की परिकल्पना पर तैयार किया गया है। इसका मुख्यालय हैदराबाद में और अनुसंधान तथा विकास कार्यालय आईआईटी मंडी में है। इस प्रणाली को पहले ही पेटेंट प्रदान किया जा चुका है और एक बैंक तथा एक फॉरेंसिक कंपनी में इसकी सेवाएं ली जा रही हैं।

टीम वर्तमान में सरकारी योजनाओं में प्रमाणीकरण के लिए इसका उपयोग करने के वास्ते इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (एमईआईटीवाई) के साथ बातचीत कर रही है। इस प्रणाली के विकास में शामिल लोगों ने बताया कि आज के डिजिटल रूप से संचालित परिदृश्य में, संस्थानों को निर्बाध उपयोगकर्ता अनुभव के साथ लगातार बने हुए साइबर खतरों के खिलाफ संवेदनशील डेटा की सुरक्षा करने की कठिन चुनौती का सामना करना पड़ता है। शुक्ला ने कहा, ‘‘पासवर्ड और अन्य सुरक्षा उपायों पर निर्भर पारंपरिक प्रमाणीकरण तरीके अपर्याप्त साबित होते हैं।

 जिससे संस्थानों में सेंध लगने की आशंका बढ़ जाती है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘साइबर धोखाधड़ी की बढ़ती घटनाओं, विशेष रूप से ओटीपी के कारण ऐसे मामलों ने संस्थानों को अनधिकृत पहुंच और डेटा उल्लंघनों के खिलाफ मजबूत समाधान खोजने के लिए प्रेरित किया है।’’ शुक्ला ने बताया कि नई प्रणाली में पासवर्ड और ओटीपी की जरूरत खत्म हो जाएगी तथा उभरते खतरों से बचने के लिए उपयोगकर्ताओं के ‘एक्सेस’ की प्रक्रिया दुरुस्त होगी।

टॅग्स :IITकानपुरkanpur
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