अडानी विवाद पर पहलीबार सेबी का आया बयान, जानिए नियामक निकाय ने इस मुद्दे पर क्या कहा
By रुस्तम राणा | Published: February 4, 2023 06:35 PM2023-02-04T18:35:40+5:302023-02-04T18:50:13+5:30
हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा अडानी समूह के बारे में सवाल उठाने वाली एक रिपोर्ट प्रकाशित करने और उस पर लेखांकन धोखाधड़ी के साथ-साथ स्टॉक हेरफेर का आरोप लगाने के बाद विवाद छिड़ा हुआ है। इस पर सेबी ने कहा कि वह बाजार की अखंडता और संरचनात्मक मजबूती सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।
नई दिल्ली: अडानी मुद्दे को लेकर शनिवार को पहलीबार भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने अपना बयान दिया है। सेबी ने अपने बयान में कहा है कि वह बाजार की अखंडता और उचित संरचनात्मक ताकत सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। दरअसल, हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा अडानी समूह के बारे में सवाल उठाने वाली एक रिपोर्ट प्रकाशित करने और उस पर लेखांकन धोखाधड़ी के साथ-साथ स्टॉक हेरफेर का आरोप लगाने के बाद विवाद छिड़ा हुआ है।
बाजार नियामक ने कहा कि विशिष्ट शेयरों में अत्यधिक उतार-चढ़ाव से निपटने के लिए उपाय किए जा रहे हैं। सेबी ने अडानी समूह का नाम लिए बिना एक बयान में कहा कि पिछले सप्ताह एक कारोबारी समूह के शेयरों की कीमत में असामान्य रूप से उतार-चढ़ाव देखा गया है। अधिकारियों ने पुष्टि की कि यह बयान अडानी मामले के मद्देनजर ही जारी किया गया है।
On the Adani issue, SEBI says it is committed to ensuring market integrity and appropriate structural strength pic.twitter.com/U9gLz80Y8m
— ANI (@ANI) February 4, 2023
सेबी ने बयान में कहा, ''अपने शासनादेश के तहत सेबी बाजार के व्यवस्थित और कुशल कामकाज को बनाए रखना चाहता है। किसी खास शेयर में अत्यधिक उतार-चढ़ाव से निपटने के लिए अच्छी तरह से परिभाषित, सार्वजनिक रूप से उपलब्ध निगरानी उपाए (एएसएम ढांचे सहित) मौजूद हैं।'' बयान के मुताबिक, ''यह व्यवस्था किसी भी शेयर की कीमतों में उतार-चढ़ाव होने पर कुछ शर्तों के तहत अपने आप सक्रिय हो जाती है।''
शेयर बाजारों - बीएसई और एनएसई ने अडाणी समूह की तीन कंपनियों - अडाणी एंटरप्राइजेज, अडाणी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन और अंबुजा सीमेंट्स - को अपने अल्पकालिक अतिरिक्त निगरानी उपाय (एएसएम) के तहत रखा है। इसका मतलब है कि 'इंट्रा-डे ट्रेडिंग' के लिए 100 प्रतिशत अपफ्रंट मार्जिन लागू होगा, ताकि इन शेयरों में सट्टेबाजी और ‘शॉर्ट-सेलिंग’ को रोका जा सके। सेबी ने कहा कि सभी विशिष्ट मामलों के संज्ञान में आने के बाद नियामक मौजूदा नीतियों के अनुसार उनकी जांच करता है और उचित कार्रवाई करता है।
(एजेंसी इनपुट के साथ)