अब चाय व्यापारियों को आयातित चाय का मूल स्थान बताना होगा

By भाषा | Published: November 11, 2021 08:34 PM2021-11-11T20:34:05+5:302021-11-11T20:34:05+5:30

Now tea traders will have to tell the place of origin of imported tea | अब चाय व्यापारियों को आयातित चाय का मूल स्थान बताना होगा

अब चाय व्यापारियों को आयातित चाय का मूल स्थान बताना होगा

नयी दिल्ली, 11 नवंबर सरकार ने चाय व्यापारियों को बिक्री के चालान में आयातित वस्तु का मूल स्थान बताने को कहा है। सरकार की तरफ से यह कदम कम गुणवत्ता वाली चाय के आयात को रोकने के लिए उठाया गया है।

इस संबंध में बृहस्पतिवार को जारी एक अधिसूचना के अनुसार यह कदम वाणिज्य मंत्रालय द्वारा घोषित उपायों का हिस्सा है, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि देश में घटिया चाय का आयात और वितरण न हो।

अधिसूचना में दार्जिलिंग चाय के निर्माताओं को निर्धारित भौगोलिक क्षेत्र (जीआई) के अलावा कही से भी चाय की हरी पत्ती नहीं खरीदने का निर्देश दिया गया है। साथ ही चाय खरीदारों को दार्जिलिंग, कांगड़ा, असम या नीलगिरि की चाय के साथ आयातित चाय नहीं मिलाने का भी निर्देश दिया गया है।

मंत्रालय ने कहा, "सभी आयातकों को आयातित चाय की उत्पत्ति का बिक्री के चालानों में उल्लेख करने का निर्देश दिया गया है। साथ ही आयातित चाय को भारतीय मूल की चाय के रूप में पेश नहीं करने के लिए कहा गया है।"

मंत्रालय ने चाय के सभी वितरकों को घरेलू खपत के लिए भारतीय मूल की चाय के साथ सस्ती और घटिया गुणवत्ता वाली आयातित चाय नहीं मिलाने का निर्देश दिया है।

इस संबंध में चाय बोर्ड द्वारा चाय विपणन नियंत्रण आदेश, 2003 और चाय (वितरण एवं निर्यात) नियंत्रण आदेश, 2005 के तहत दार्जिलिंग जीआई की सुरक्षा के लिए चार परिपत्र भी जारी किए गए हैं।

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Web Title: Now tea traders will have to tell the place of origin of imported tea

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