लखनऊ, 17 दिसंबर केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को देश के विकास में सहकारिता के योगदान का महत्व बताते हुए कहा कि अब कोई भी सहकारिता के साथ दोयम दर्जे जैसा व्यवहार नहीं कर पाएगा।
शुक्रवार को यहां सहकार भारती के सातवें राष्ट्रीय अधिवेशन का उद्घाटन करने के बाद अपने संबोधन में शाह ने कहा कि ''अब सहकारिता के साथ सेकंड ग्रेड सिटीजन (दोयम दर्जे के नागरिक की तरह) की तरह कोई व्यवहार नहीं कर पाएगा, इसका मैं भरोसा देता हूं।''
उन्होंने कहा कि हर देश का समग्र विकास कम्युनिष्ट सिद्धांतों से नहीं हो सकता, सहकारिता ही एक बड़ा माध्यम है और इसी माडल को आगे बढ़ाना पड़ेगा।
शाह ने कहा कि ''आने वाले दिनों में देश के विकास में सहकारिता का बहुत बड़ा योगदान होने वाला है और सहकारिता ही ऐसा जरिया है जिससे छोटे से छोटे व्यक्ति की आय बढ़ाने और उसको सम्मान दिलाने का कार्य हो सकता है।'' उन्होंने कहा कि ''हर व्यक्ति का आर्थिक विकास में योगदान हो और उसका लाभ पहुंचे यह सहकारिता के सिवाय संभव नहीं है।''
सहकारिता मंत्री ने कहा कि ''मोदी सरकार एक नई नीति लाने के लिए कृतसंकल्प है और कुछ ही समय में सहकारिता मंत्रालय के जरिये इसकी गतिविधियों को हम शुरू करेंगे।''
उन्होंने कहा कि ''इस देश की कृषि व्यवस्था में पैक्स (प्राथमिक कृषि कर्ज सहकारी समितियां) उसकी आत्मा है और देश की सभी पैक्स को कम्प्यूटरीकृत करने का काम मोदी सरकार हाथ में लेने वाली है।
शाह ने कहा, ‘‘हर पैक्स को जिला सहकारी बैंक से जोड़ा जाएगा, जिला सहकारी बैंक को राज्य सहकारी बैंक से जोड़ा जाएगा और राज्य सहकारी बैंक को नाबार्ड से जोड़ा जाएगा और नाबार्ड से पैक्स तक एक पूरी पारदर्शी व्यवस्था होगी। स्थानीय भाषा के अंदर पूरी गतिविधि संचालित हो, इस प्रकार के सॉफ्टवेयर का निर्माण किया जाएगा।''
इससे पहले एक अन्य कार्यक्रम में शाह ने लखनऊ में 155 करोड़ रुपये की लागत से बने 28 अनाज गोदामों, बैंक मुख्यालय भवन, उत्तर प्रदेश सहकारी बैंक की 13 नई शाखाओं की शुरुआत और 294 पैक्स में कम्प्यूटरीकरण का उद्घाटन किया।
समारोह में उप्र के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत कई प्रमुख लोग मौजूद थे।
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