अब बनेगा ‘गोल्ड एक्सचेंज’, सामाजिक शेयर बाजार को भी मंजूरी, निवेशकों के लिये अधिकार पत्र होगा जारी

By भाषा | Updated: September 28, 2021 23:40 IST2021-09-28T23:40:19+5:302021-09-28T23:40:19+5:30

Now 'Gold Exchange' will be formed, social stock market will also be approved, authorization letter will be issued for investors | अब बनेगा ‘गोल्ड एक्सचेंज’, सामाजिक शेयर बाजार को भी मंजूरी, निवेशकों के लिये अधिकार पत्र होगा जारी

अब बनेगा ‘गोल्ड एक्सचेंज’, सामाजिक शेयर बाजार को भी मंजूरी, निवेशकों के लिये अधिकार पत्र होगा जारी

मुंबई, 28 सितंबर बाजार नियामक सेबी ने मंगलवार को प्रतिभूति बाजार से जुड़े कई महत्वपूर्ण सुधारों को मंजूरी दी। इसमें सोने के लिये और सामाजिक क्षेत्र की कंपनियों के लिये अलग शेयर बाजार बनाने, निवेशकों के हितों की रक्षा के लिये निवेशक अधिकार पत्र तथा विलय एवं अधिग्रहण को और अधिक तार्किक बनाने के लिये सूचीबद्धता नियमों में बदलाव शामिल हैं। इन तमाम पहलों का मकसद प्रतिभूति बाजार को मजबूत बनाना है।

भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के निदेशक मंडल ने सामाजिक क्षेत्र से जुड़े उपक्रमों के लिये कोष जुटाने का मार्ग प्रशस्त करने की दिशा में अहम कदम उठाते हुये सामाजिक शेयर बाजार (सोशल स्टॉक एक्सचेंज) के ढांचे को मंजूरी दी।

निदेशक मंडल की बैठक के बाद भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के चेयरमैन अजय त्यागी ने कहा कि मौजूदा शेयर बाजारों में सामाजिक शेयर बाजार अलग खंड होगा।

सामाजिक सेवाओं से जुड़ी कंपनियां इस बाजार में भाग ले सकेंगी। इस श्रेणी में गैर-लाभकारी संगठन (एनपीओ) और लाभ के साथ समाज के स्तर पर भलाई का काम करने वाली कंपनियां आती हैं।

सेबी निदेशक मंडल ने स्वर्ण बाजार के गठन की रूपरेखा संबंधी प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी। इस बाजार में सोने की खरीद-बिक्री इलेक्ट्रॉनिक स्वर्ण रसीद के रूप में की जा सकेगी। शेयर बाजार की तरह काम करने वाले इस एक्सचेंज से मूल्यवान धातु के लिये पारदर्शी घरेलू हाजिर मूल्य तलाशने की व्यवस्था बनाने में मदद मिलेगी।

त्यागी ने कहा कि सोने का प्रतिनिधित्व करने वाला साधन इलेक्ट्रॉनिक स्वर्ण रसीद (ईजीआर) कहलाएगा और इसे प्रतिभूतियों के रूप में अधिसूचित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि किसी भी अन्य प्रतिभूति की तरह ईजीआर में कारोबार करने, समाशोधन और निपटान जैसी व्यवस्थायें होंगी।

सेबी के बयान के अनुसार कोई भी मान्यता प्राप्त, मौजूदा और नया एक्सचेंज ईजीआर में कारोबार शुरू कर सकता है। ईजीआर के कारोबार को लेकर राशि और इलेक्ट्रॉनिक स्वर्ण रसीद को सोने में तब्दील करने के बारे में निर्णय शेयर बाजार सेबी की मंजूरी से कर सकता है।

एक अन्य महत्वपूर्ण फैसले में सेबी ने अधिक और प्रभावी मतदान के अधिकार से जुड़े शेयरों (एस आर शेयर) के मामले में पात्रता जरूरतों में ढील देने का निर्णय किया। इस कदम से नवीन प्रौद्योगिकी आधारित कंपनियों को मदद मिलेगी।

भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने कहा कि जिन प्रवर्तकों का नेटवर्थ 1,000 करोड़ रुपये से अधिक है, वे कंपनियों में अधिक मतदान अधिकार वाले शेयर रख सकते हैं। फिलहाल यह सीमा 500 करोड़ रुपये थी।

इसके अलावा, अधिक मतदान अधिकार वाले शेयर जारी करने और विवरण पुस्तिका (रेड हेयरिंग प्रोस्पेक्टस) जमा करने के बीच न्यूनतम अंतर को कम कर तीन महीने कर दिया गया है। फिलहाल यह छह महीने है।

सेबी निदेशक मंडल ने खुली पेशकश के बाद कंपनी के इक्विटी शेयर की सूचीबद्धता समाप्त करने से जुड़े नियमों में संशोधन का भी निर्णय किया। इस पहल का मकसद विलय और अधिग्रहण को अधिक युक्तिसंगत और सुगम बनाना है।

नियामक ने कहा कि उस अधिग्रहणकर्ता के लिये अधिग्रहण नियमन के तहत नयी व्यवस्था केवल खुली पेशकश के मामले में उपलब्ध होगी, जो संबंधित कंपनी में स्वयं या संयुक्त नियंत्रण चाहता है।

अगर अधिग्रहणकर्ता संबंधित कंपनी की सूचीबद्धता समाप्त करना चाहता है, उसे इसके लिये खुली पेशकश कीमत के ऊपर उपयुक्त प्रीमियम के साथ अधिक मूल्य का प्रस्ताव करना होगा।

इसके अलावा, सेबी निदेशक मंडल ने संबंधित पक्षों के बीच लेन-देन के नियमों के कड़ाई से लागू करने और मजबूत निगरानी व्यवस्था को लेकर नियमों में बदलाव का निर्णय किया।

सेबी के अनुसार संबंधित पक्ष और संबंधित पक्ष सौदों (आरपीटी) की परिभाषा में बदलाव का निर्णय किया गया है।

एक अन्य महत्वपूर्ण कदम में नियामक ने निवेशकों के लिये अधिकार पत्र को मंजूरी दी। इस पहल से निवेश प्रक्रिया में पारदर्शिता आएगी।

निवेशकों के अधिकार पत्र (चार्टर) में निवेशकों के अधिकार, जिम्मेदारी, प्रतिभूति बाजार में क्या करना है और क्या नहीं करना है, समेत अन्य बातों को शामिल किया गया है।

इसके अलावा नियामक ने विभिन्न इकाइयों के साथ विचार-विमर्श कर सेबी के मान्यता प्राप्त बाजार ढांचागत संस्थानों, पंजीकृत मध्यस्थों और नियमित इकाइयों के लिये भी निवेशक अधिकार पत्र तैयार किया है।

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