'सिर्फ 70 नहीं, सप्ताह में 140 घंटे काम', ओला के सीईओ भाविश अग्रवाल ने छेड़ी नई बहस
By शिवेन्द्र कुमार राय | Published: October 28, 2023 05:47 PM2023-10-28T17:47:10+5:302023-10-28T17:48:45+5:30
भाविश अग्रवाल ने पहले भी लंबे समय तक काम करने को लेकर अपना समर्थन जताया था। ओला सीईओ ने पहले कहा था कि श्री मूर्ति के विचारों से पूरी तरह सहमत हूं। यह हमारे लिए कम मेहनत करने और खुद का मनोरंजन करने का समय नहीं है।
नई दिल्ली: अभी इंफोसिस के संस्थापक नारायण मूर्ति द्वारा कही गई 'सप्ताह में 70 घंटे' काम करने की बात पर शुरू हुई बहस थमी भी नहीं थी कि इसी बीच ओला के सीईओ और संस्थापक भाविश अग्रवाल ने इसे नई हवा दे दी। अग्रवाल ने कहा है कि सिर्फ 70 नहीं, 140 से भी ज्यादा घंटे! कोई वीकेंड नहीं।
Putting in the hours 😉. Not just 70, more like 140! 😀😎
— Bhavish Aggarwal (@bhash) October 28, 2023
Only fun, no weekends! pic.twitter.com/LiuyJ4KELb
भाविश अग्रवाल ने पहले भी लंबे समय तक काम करने को लेकर अपना समर्थन जताया था। ओला सीईओ ने पहले कहा था कि श्री मूर्ति के विचारों से पूरी तरह सहमत हूं। यह हमारे लिए कम मेहनत करने और खुद का मनोरंजन करने का समय नहीं है। बल्कि यह हमारा समय है कि हम सब कुछ करें और एक ही पीढ़ी में वह बनाएं जो अन्य देशों ने कई पीढ़ियों में बनाया है।
भाविश अग्रवाल ने एक्स पर एक अन्य पोस्ट में कहा, "हमारे दादा-दादी की पीढ़ी ने आजादी के लिए लड़ाई लड़ी। हमारे माता-पिता की पीढ़ी ने रोटी कपड़ा मकान के लिए लड़ाई लड़ी। आप चाहें या न चाहें, हमारी पीढ़ी का भाग्य भारत को सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने के लिए तय है। इसके लिए हर संभव प्रयास करना होगा। इस यात्रा में योगदान देने से बेहतर कोई संतुष्टि नहीं है!"
बता दें कि इन्फोसिस के पूर्व सीएफओ मोहनदास पई से पॉडकास्ट 'द रिकॉर्ड' के लिए बात करते हुए नारायण मूर्ति ने कहा था कि चीन जैसे देशों के साथ प्रतिस्पर्धा करने के लिए देश के युवाओं को सप्ताह में 70 घंटे काम करना चाहिए जैसा कि द्वितीय विश्व युद्ध के बाद जापान और जर्मनी ने किया था। इंफोसिस के संस्थापक ने कहा था कि हमारी संस्कृति को अत्यधिक दृढ़, बेहद अनुशासित और बेहद कड़ी मेहनत करने वाले लोगों के रूप में बदलना होगा। हमें अनुशासित होने और अपनी कार्य उत्पादकता में सुधार करने की आवश्यकता है।
नारायण मूर्ति के इस बयान पर अब तक बहस जारी है। लेखक चेतन भगत ने इससे असहमति जताते हुए कहा कि सप्ताह में 35 घंटे काम करें। 70 घंटे काम करना जरूरी नहीं है। चेतन भगत ने कहा कि बहुत से लोग "काम" करने में लंबा समय बिताते हैं, लेकिन कोई हकीकत में प्रोडक्टिव काम नहीं कर रहा है।