बाजार में अब चीनी नहीं, स्थानीय उत्पादों की रौनक

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: November 9, 2023 11:48 AM2023-11-09T11:48:40+5:302023-11-09T11:52:20+5:30

वाणिज्य मंत्रालय के प्रकाशित भारत-चीन व्यापार के अप्रैल से सितंबर 2023 की रिपोर्ट में यह बात सामने आई है। देश के त्योहारी बाजार में स्वदेशी उत्पादों के बढ़ने और चीन से आयातित उत्पादों के घटने का सुकूनदेह परिदृश्य नजर आ रहे हैं।

No more sugar in the market glory of local products | बाजार में अब चीनी नहीं, स्थानीय उत्पादों की रौनक

फाइल फोटो

Highlightsभारत-चीन व्यापार अप्रैल से सितंबर 2023 में आयातित उत्पादों में कमी आईवाणिज्य मंत्रालय ने इस बात की जानकारी दी हैपिछले साल के मुकाबले इस बार आयातित वस्तुओं में कमी आई है

जयंतीलाल भंडारी: इस समय देश के त्योहारी बाजार में स्वदेशी उत्पादों के बढ़ने और चीन से आयातित उत्पादों के घटने का सुकूनदेह परिदृश्य नजर आ रहे हैं। वाणिज्य मंत्रालय के प्रकाशित भारत-चीन व्यापार के अप्रैल से सितंबर 2023 की रिपोर्ट में यह बात सामने आई है। 

रिपोर्ट के मुताबिक, भारत ने चीन से आयातित चीजों को अप्रैल-सितंबर 2022 में 52.42 अरब डॉलर में मंगाया था, जो अब घटकर अप्रैल-सितंबर 2023 में आयातित माल में 50.47 अरब डॉलर का रह गया है। यहां पर अप्रैल से सितंबर के छह महीनों के आयात का विशेष उल्लेख इसलिए किया गया है, क्योंकि रक्षाबंधन से शुरू होकर दिवाली तक के कई त्यौहारों के लिए देश में मुख्य रूप से इन्हीं छह महीनों में आयात किया जाता है।

नि:संदेह अब वह समय बीता हुआ दिखाई दे रहा है, जब हर साल त्यौहार के सीजन में देश के बाजारों में दुकानें केवल सस्ते और आकर्षक चीनी सामानों से भर जाती थीं। इस साल 2023 में पिछले दिनों रक्षाबंधन, जन्माष्टमी, गणेश चतुर्थी, नवदुर्गा और दशहरा के त्यौहारी बाजारों में हमारे हस्तशिल्पियों, स्थानीय कारीगरों और कुम्हारों के द्वारा निर्मित सामग्री, स्वदेशी राखियां, कृष्ण, गणपति, मां दुर्गा की मूर्तियां और रावण के स्वदेशी पुतलों की धूम रही है। 

अब दीपावली की कई वस्तुएं, दिवाली पूजा के सामान, देवी लक्ष्मीजी की मूर्ति, घर की सजावट के सामान, टिम-टिम करने वाली दिवाली झालरों, दीवार पर लटकने वाले हस्तशिल्प के सामान, शुभ-लाभ, ओम जैसे सौभाग्य के प्रतीक तथा घर के लिए सजावटी स्थानीय सामानों की मांग की जा रही है।

यह भी कोई छोटी बात नहीं है कि व्यापारियों ने भी बाजार में चीनी सामानों के स्थान पर उपभोक्ताओं की मांगों के अनुरूप भारतीय सामान को पर्याप्त मात्रा में बेचने की कोशिशें दिखाई दे रही हैं। गांवों और शहरों में सभी जगह अधिकांश खरीदारी में स्थानीय स्वदेशी वस्तुओं को प्राथमिकता दी जा रही है।

इस परिप्रेक्ष्य में यह भी महत्वपूर्ण है कि कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के द्वारा एक बार फिर इस साल भी त्यौहारी सीजन में चीनी वस्तुओं के बहिष्कार का देशव्यापी अभियान चलाया गया है। कैट के मुताबिक चीनी सामानों के बहिष्कार के अभियान का असर बाजार में पिछले साल 2022 की तुलना में 2023 में अधिक दिखाई दे रहा है।

कैट के आह्वान से त्यौहारी बाजार में मांग की पूर्ति के लिए अधिकांश व्यापारियों ने अपने प्रतिष्ठानों में भारतीय सामान का भी पर्याप्त बंदोबस्त किया है। देश में चल रहे स्थानीय कारीगरों को प्रोत्साहन, स्वदेशी खरीदी, 'मेक इन इंडिया' और 'आत्मनिर्भर भारत' अभियान ने व्यापारियों को चीनी सामान न बेचने के लिए प्रेरित किया है।

Web Title: No more sugar in the market glory of local products

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