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एनसीएलएटी को फिर मिला कार्यवाहक चेयरपर्सन, मार्च 2020 से स्थायी प्रमुख की नियुक्ति नहीं

By भाषा | Updated: September 13, 2021 17:20 IST

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नयी दिल्ली, 13 सितंबर न्यायमूर्ति एम वेणुगोपाल को राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) का कार्यवाहक चेयरपर्सन नियुक्त किया गया है। इस तरह अपीलीय न्यायाधिकरण को लगातार तीसरा कार्यवाहक प्रमुख मिला है। न्यायाधिकरण अब डेढ़ साल से अधिक से स्थायी मुखिया के बिना काम कर रहा है।

एनसीएलएटी दिवाला एवं ऋण शोधन अक्षमता संहिता (आईबीसी) तथा प्रतिस्पर्धा कानून से संबंधित महत्वपूर्ण अपीलों पर सुनवाई करता है। 14 मार्च, 2020 को न्यायमूर्ति एस के मुखोपाध्याय के सेवानिवृत्त होने के बाद से न्यायाधिकरण में स्थायी चेयरपर्सन की नियुक्ति नहीं हुई है।

उच्चतम न्यायालय ने पिछले सप्ताह इस बात पर चिंता जताई थी कि केंद्र सरकार अर्द्ध-न्यायिक निकायों में अधिकारियों की नियुक्ति नहीं कर रही है जिससे वे ‘प्रभावहीन’ हो रहे हैं।

एनसीएलएटी की वेबसाइट पर डाले गए ताजा अपडेट के अनुसार, न्यायमूर्ति वेणुगोपाल को 11 सितंबर, 2021 से अपीलीय न्यायाधिकरण का कार्यवाहक चेयरपर्सन नियुक्त किया गया है। वह मद्रास उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश हैं।

न्यायमूर्ति वेणुगोपाील को 23 अक्टूबर, 2019 को एनसीएलएटी का न्यायिक सदस्य नियुक्त गया था। उन्हें 16 जनवरी, 2021 को अपीलीय न्यायाधिकरण की चेन्नई पीठ में भेज दिया गया था।

न्यायमूर्ति मुखोपाध्याय पूर्णकालिक चेयरपर्सन थे। वह 14 मार्च, 2020 को चार साल की सेवा के बाद सेवानिवृत्त हुए थे।

उसके बाद बंसी लाल भट 15 मार्च, 2020 को एनसीएलएटी के कार्यवाहक चेयरपर्सन बने। सरकार ने उन्हें 67 साल की आयु पूरी होने तक चार बार विस्तार दिया।

उसके बाद 19 अप्रैल, 2021 से न्यायमूर्ति ए आई एस चीमा को न्यायाधिकरण के कार्यवाहक प्रमुख की जिम्मेदारी सौंपी गई। वह 10 सितंबर तक न्यायाधिकरण में रहे।

एनसीएलटी बार एसोसिएशन के महासचिव और अधिवक्ता सौरभ कालिया ने कहा कि एनसीएलएटी में स्थिति गंभीर है। उन्होंने कहा कि पिछले 18 माह से एनसीएलएटी में स्थायी चेयरपर्सन की नियुक्ति नहीं हुई है जिससे न्यायाधिकरण का कामकाज गंभीर रूप से प्रभावित हो रहा है।

उन्होंने कहा कि न्यायिक सदस्यों की संख्या भी घटकर तीन रह गई है। दिल्ली में प्रमुख पीठ के अलावा चेन्नई पीठ की अगुवाई करने वालों की संख्या चेयरपर्सन सहित सिर्फ तीन है।

देश में एनसीएलटी, रिण वसूली न्यायाधिकरण, दूरसंचार विवाद समाधान एवं अपीलीय न्यायाधिकरण और प्रतिभूति अपीलीय न्यायाधिकरण सहित विभिन्न न्यायाधिकरणों में 250 के करीब पद रिक्त हैं।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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