नई दिल्लीः केंद्रीय मंत्रिमंडल में कई बड़े फैसले हुए हैं। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 85 नये केंद्रीय विद्यालय, 28 नये नवोदय विद्यालय खोलने को मंजूरी दी है। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने हरियाणा तक आवाजाही बढ़ाने के लिए दिल्ली मेट्रो के 26.46 किलोमीटर लंबे रिठाला-कुंडली कॉरिडोर को मंजूरी दी। वैष्णव ने कहा कि नई शिक्षा नीति को लागू करने के लिए पीएम श्री को लाया गया है। सभी केंद्रीय विद्यालयों और नवोदय विद्यालयों को पीएम श्री स्कूलों के रूप में नामित किया गया ताकि उन्हें अन्य स्कूलों के लिए एक मॉडल बनाया जा सके।
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने शुक्रवार को 85 नए केंद्रीय विद्यालय और 28 नए नवोदय विद्यालय खोलने को मंजूरी दे दी। वैष्णव ने कहा कि मंत्रिमंडल ने एक केन्द्रीय विद्यालय के विस्तार को भी मंजूरी दे दी। इस संबंध में जारी आधिकारिक बयान में कहा गया कि इन नए केंद्रीय विद्यालयों के खुलने से देश भर में 82,000 से अधिक छात्रों को सस्ती और उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा प्राप्त करने का अवसर मिलेगा।
बयान में कहा गया कि 2025-26 तक आठ वर्षों की अवधि में 85 नए केंद्रीय विद्यालयों की स्थापना और एक मौजूदा केंद्रीय विद्यालय के विस्तार के लिए धन की कुल अनुमानित आवश्यकता 5,872.08 करोड़ रुपये है। इसमें कहा गया कि आज की तारीख तक सुचारू रूप से काम कर रहे केंद्रीय विद्यालयों की संख्या 1,256 है जिनमें से तीन विदेश- मॉस्को, काठमांडू और तेहरान में स्थित हैं। बयान में कहा गया कि इन स्कूलों में 13.56 लाख छात्र पढ़ाई कर रहे हैं।
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने शुक्रवार को दिल्ली मेट्रो के चौथे चरण की परियोजना के तहत 26.463 किलोमीटर लंबे रिठाला-कुंडली कॉरिडोर को मंजूरी दी, जिससे राष्ट्रीय राजधानी और पड़ोसी राज्य हरियाणा के बीच संपर्क और बेहतर हो जाएगा। इस पूरे खंड पर 21 स्टेशन होंगे और सभी ‘एलिवेटेड’ होंगे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में यह निर्णय लिया गया।
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि परियोजना को मंजूरी की तारीख से चार साल के अंदर पूरा किया जाना है। इस परियोजना के तहत शहीद स्थल (नया बस अड्डा)-रिठाला (रेड लाइन) कॉरिडोर का विस्तार किया जाएगा और दिल्ली के उत्तर-पश्चिमी हिस्सों, जैसे नरेला, बवाना और रोहिणी के कुछ हिस्सों में कनेक्टिविटी बढ़ेगी। परियोजना की पूर्ण लागत 6,230 करोड़ रुपये है।