मोदी ने नये तौर-तरीकों का इस्तेमाल करने वाले पांच किसानों से बातचीत की

By भाषा | Updated: September 28, 2021 20:19 IST2021-09-28T20:19:40+5:302021-09-28T20:19:40+5:30

Modi interacts with five farmers using the new method | मोदी ने नये तौर-तरीकों का इस्तेमाल करने वाले पांच किसानों से बातचीत की

मोदी ने नये तौर-तरीकों का इस्तेमाल करने वाले पांच किसानों से बातचीत की

नयी दिल्ली, 28 सितंबर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कृषि क्षेत्र में नये तौर- तरीकों का इस्तेमाल कर अच्छा मुनाफा अर्जित करने वाले जम्मू-कश्मीर और गोवा सहित विभिन्न राज्यों के पांच किसानों के साथ बातचीत की।

प्रधानमंत्री, विशेष लक्षणों वाली 35 फसल किस्मों की पेशकश के दौरान वीडियो-कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से इन किसानों से बात कर रहे थे।

गांदरबल (जम्मू और कश्मीर) की जैतून बेगम के साथ अपनी बातचीत में, मोदी ने नवीन कृषि पद्धतियों को सीखने की उनकी यात्रा के बारे में पूछा और यह जिज्ञासा जताई कि उन्होंने (जैतून बेगम) कैसे अन्य किसानों को प्रशिक्षित किया तथा घाटी में लड़कियों की शिक्षा के लिए वह कैसे काम कर रही हैं।

उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि खेल में भी, जम्मू-कश्मीर की लड़कियां अच्छा प्रदर्शन कर रही हैं।

प्रधान मंत्री ने जोर देकर कहा कि छोटी जोत वाले किसानों की जरूरतें सरकार की प्राथमिकता है और उन्हें सभी लाभ सीधे मिल रहे हैं।

कुल मिलाकर उन्होंने पांच किसानों से एक-एक कर बात की।

बुलंदशहर (उत्तर प्रदेश) के एक किसान और बीज उत्पादक कुलवंत सिंह से बात करते हुए, मोदी ने उनसे पूछा कि वह विभिन्न प्रकार के बीज किस्मों को पैदा करने में कैसे सफल रहे।

प्रधानमंत्री ने सिंह की फसलों के प्रसंस्करण और मूल्यवर्धन करने के लिए उनकी प्रशंसा की।

मोदी ने कहा कि सरकार बाजार तक पहुंच, अच्छी गुणवत्ता वाले बीज और मृदा स्वास्थ्य कार्ड जैसी कई पहलों के साथ किसानों को अच्छी कीमत दिलाने के प्रयास कर रही है।

प्रधानमंत्री ने बर्देज़ (गोवा) से दर्शन पेडेंकर से भी बात की। वह विविध फसलों की खेती करती है और विभिन्न पशुओं का पालन-पोषण करती है। प्रधानमंत्री ने उनसे नारियल के मूल्यवर्धन के बारे में पूछा।

मणिपुर के थोइबा सिंह से बात करते हुए मोदी ने सशस्त्र बलों में रहने के बाद खेती अपनाने के लिए उनकी सराहना की। उन्होंने कृषि, मत्स्य पालन और अन्य संबद्ध क्षेत्रों जैसे विविध गतिविधियों के लिए किसान की सराहना की। प्रधानमंत्री ने उन्हें 'जय जवान-जय किसान-जय विज्ञान' का उदाहरण देते हुए उनकी तारीफ की।

प्रधानमंत्री ने सुरेश राणा, उधम सिंह नगर (उत्तराखंड) से पूछा कि उन्होंने मकई की खेती कैसे शुरू की। उन्होंने किसान उत्पादक संगठनों का कुशलतापूर्वक उपयोग करने के लिए उत्तराखंड के किसानों की सराहना की और कहा कि जब किसान सामूहिक रूप से काम करते हैं तो उन्हें बहुत लाभ होता है।

मोदी ने कहा कि सरकार किसानों को हर संसाधन और बुनियादी ढांचा उपलब्ध कराने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार छोटे और सीमांत किसानों को अधिक से अधिक लाभ देने पर ध्यान दे रही है। केंद्र सरकार सीमांत किसानों की छोटी-छोटी जरूरतों को भी महत्व दे रही है।

बातचीत के दौरान, उन्होंने यह भी कहा कि सरकार बिना किसी बिचौलिए को शामिल किए किसानों को सीधा लाभ प्रदान कर रही है।

इसके अलावा, प्रधान मंत्री ने इस बात पर प्रकाश डाला कि केंद्र ने पिछले कुछ वर्षों में कृषि क्षेत्र के विकास के लिए कई उपाय किए हैं। इनमें मृदा स्वास्थ्य कार्ड, गुणवत्तापूर्ण बीजों और उर्वरकों की उपलब्धता, सिंचाई सुविधाओं में सुधार और जैविक खेती को बढ़ावा देना शामिल है।

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर रिकॉर्ड गेहूं और धान की फसल खरीद रही है।

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