मोदी कैबिनेट ने दी गन्ने की FRP बढ़ाने को मंजूरी, किसानों को प्रति क्विंटल मिलेंगे 275 रुपये
By भाषा | Updated: July 18, 2018 18:13 IST2018-07-18T18:13:06+5:302018-07-18T18:13:06+5:30
सीएसीपी एक सांविधिक निकाय है जो कि सरकार को प्रमुख कृषि उपजों के दाम तय करने की सिफारिश करती है। आमतौर पर सरकार आयोग की सिफारिशों को स्वीकार कर लेती है।

मोदी कैबिनेट ने दी गन्ने की FRP बढ़ाने को मंजूरी, किसानों को प्रति क्विंटल मिलेंगे 275 रुपये
नयी दिल्ली , 18 जुलाई (भाषा) सरकार ने गन्ने का उचित एवं लाभकारी (एफआरपी) मूल्य 20 रुपये बढ़ाकर 275 रुपये प्रति क्विंटल करने को मंजूरी दे दी।
केन्द्रीय मंत्रिमंडल की आज यहां हुई आर्थिक मामलों की समिति (सीसीईए) की बैठक में विपणन वर्ष 2018-19 के लिये गन्ने का उचित एवं लाभकारी मूल्य 20 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई।
सरकार ने हाल ही में खरीफ फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमआरपी) में फसलों की लागत के डेढ़ गुणा तक वृद्धि की है। इसमें खरीफ मौसम की मुख्य फसल धान का समर्थन मूल्य 200 रुपये बढ़ाकर 1750 रुपये क्विंटल किया गया है।
कृषि लागत एवं मूल्य आयोग (सीएसीपी) ने आगामी सत्र के लिये गन्ने का उचित एवं लाभकारी मूल्य यानी एफआरपी 20 रुपये बढ़ाकर 275 रुपये प्रति क्विंटल करने की सिफारिश की थी।
सीएसीपी एक सांविधिक निकाय है जो कि सरकार को प्रमुख कृषि उपजों के दाम तय करने की सिफारिश करती है। आमतौर पर सरकार आयोग की सिफारिशों को स्वीकार कर लेती है।
मौजूदा सिफारिश के मुताबिक एफआरपी दाम गन्ने से 9.5 प्रतिशत की बेसिक रिकवरी पर आधारित है। इससे अधिक रिकवरी होने पर प्रत्येक 0.1 प्रतिशत की अधिक रिकवरी के लिये 2.68 रुपये प्रति क्विंटल का प्रीमियम किसानों को दिया जायेगा।
उत्तर प्रदेश केन्द्र द्वारा घोषित एफआरपी के ऊपर अपना खुद का परामर्श मूल्य घोषित करता है। उत्तर प्रदेश के अलावा पंजाब , हरियाणा भी केन्द्र के एफआरपी के ऊपर अपना राज्य परामर्श मूल्य घोषित करते हैं।
चीनी के अगले विपणन वर्ष में कुल चीनी उत्पादन 3.55 करोड़ टन के नये रिकार्डस्तर पर पहुंचने का अनुमान लगाया जा रहा है। चीनी मिलों के संगठन इस्मा ने यह अनुमान व्यक्त किया है।
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