‘मंत्रालयों, विभागों को अनुपालन बोझ कम करने के लिये विभिन्न कानूनों पर गौर करने को कहा गया’

By भाषा | Updated: December 27, 2020 21:05 IST2020-12-27T21:05:44+5:302020-12-27T21:05:44+5:30

'Ministries, Departments were asked to look into various laws to reduce compliance burden' | ‘मंत्रालयों, विभागों को अनुपालन बोझ कम करने के लिये विभिन्न कानूनों पर गौर करने को कहा गया’

‘मंत्रालयों, विभागों को अनुपालन बोझ कम करने के लिये विभिन्न कानूनों पर गौर करने को कहा गया’

नयी दिल्ली, 27 दिसंबर उद्योगों के लिये नियामकीय अनुपालन बोझ कम करने को ध्यान में रखते हुये केंद्रीय मंत्रालयों, विभागों और राज्यों से विधि और नियमन पर गौर करने को कहा गया है। वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के एक अधिकारी ने यह बात कही।

उसने कहा, ‘‘सरकार के लिये नियामकीय अनुपालन बोझ कम करना प्राथमिकता वाला क्षेत्र है। कई तरह के अनुपालन बोझ हैं, जिसे हमें कम करने की जरूरत है। प्रत्येक मंत्रालय, विभाग युद्ध स्तर पर इस दिशा में काम कर रहे हैं।’’

अधिकारी ने उदाहरण देते हुए कहा कि मंत्रालय कई कानूनों की जिम्मेदारी संभालता है। इसममें दो कानून पेट्रोलियम और विस्फोटक सुरक्षा संगठन (पीईएसओ) से जुड़े हैं। इसके अलावा बौद्धिक संपदा अधिकार और बॉयलर से जुड़े कानून हैं।

उसने कहा, ‘‘अत: हम इस बात पर गौर कर रहे हें कि जहां भी आपराधिक अभियोजन से जुड़ा कोई प्रावधान है, क्या उसपर पुनर्विचार किया जा सकता है। क्या आपराधिक दंड को रखना है या फिर दिवानी दंड को रखा जा सकता है अथवा जुर्माने का प्रावधान हो?’’

सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को सलाह दी गयी है कि वे नियमनों को देखें और कंपनियों के लिये अनुपालन बोझ में कमी लाने के लिये उसमें कमी लायें।

मंत्रालयों तथा राज्यों को ऐसे केंद्रीय कानूनों की जांच परख करनी होगी जिन्हें या तो निरस्त किया जा सकता है या उसे समाहित अथवा उसे बदला जा सकता है।

जिन मुद्दों पर गौर किया जा रहा है, उसमें लाइसेंस के नवीनीकरण अथवा उसकी अवधि बढ़ाना, जोखिम आधारित जांच व्यवस्था, सूचना देने को सरल बनाना, रजिस्टर/रिकार्ड रखने को युक्तिसंगत बनाना आदि शामिल हैं।

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Web Title: 'Ministries, Departments were asked to look into various laws to reduce compliance burden'

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