लाइव न्यूज़ :

मारुति ने अपने मेल कार्यक्रम का पांचवां दौर शुरू किया

By भाषा | Updated: November 17, 2020 11:56 IST

Open in App

नयी दिल्ली, 17 नवंबर देश की सबसे बड़ी कार कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया (एमएसआई) ने मंगलवार को अपनी ‘मोबिलिटी एंड ऑटोमोबाइल इनिशिएटिव लैब’ मेल कार्यक्रम के पांचवें चरण की घोषणा की। इसके तहत मोबिलिटी और वाहन क्षेत्र की शुरुआती स्टार्टअप कंपनियों से प्रविष्टियां मांगी गई हैं।

मारुति ने बयान में कहा कि कंपनी ने अब तक मेल कार्यक्रम के पिछले चार दौर में 18 स्टार्टअप के साथ गठजोड़ किया है।

मारुति सुजुकी इंडिया के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) केनिचि आयुकावा ने कहा, ‘‘अगले चरण के तहत हम वाहन उद्योग के नवोन्मेषी विचारों वाली अधिक स्टार्टअप कंपनियों के साथ गठजोड़ करना चाहेंगे। विशेषरूप से महामारी की स्थिति को देखते हुए बदलाव लाने वाले उद्यमी हमारी पांचवें दौर की मेल पहल के लिए आवेदन कर सकते हैं।’’

उन्होंने कहा कि मारुति के मेल कार्यक्रम के दो साल पूरे हो गए हैं और अब तक कंपनी ने 18 स्टार्टअप के साथ गठजोड़ किया है।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Open in App

संबंधित खबरें

विश्वMexico: प्राइवेट प्लेन दुर्घटनाग्रस्त, 7 लोगों की मौत; लैंडिंग की कोशिश के समय हादसा

क्राइम अलर्टGoa: नाइट क्लब अग्निकांड के बाद बड़ी कार्रवाई, 'द केप गोवा’ रेस्तरां नियमों के उल्लंघन के आरोप में सील

भारतजम्मू-कश्मीर और लद्दाख में बिजली सकंट, भयंकर ठंड के बीच बिजली की कटौती से लोगों को हो रही परेशानी

क्राइम अलर्टDelhi: जाफराबाद में ताबड़तोड़ गोलीबारी, बाइक सवार हमलावरों ने दो भाइयों का किया मर्डर

क्राइम अलर्टPunjab: मोहाली में कबड्डी प्लेयर की हत्या, कबड्डी टूर्नामेंट के दौरान गोलीबारी; चौंकाने वाला वीडियो वायरल

कारोबार अधिक खबरें

कारोबारPetrol-Diesel Price Today: आज जेब पर कितना पड़ेगा असर? जानिए अपने शहर में ईंधन के लेटेस्ट रेट

कारोबारभारतीय अर्थव्यवस्था में जान फूंकता ग्रामीण भारत, 2024-25 में 35.77 करोड़ टन अनाज पैदा करके ऐतिहासिक रिकॉर्ड बनाया

कारोबारGold Price Record High: निवेशकों में हड़कंप, सोना ₹1.37 लाख प्रति 10 ग्राम

कारोबार30 नवंबर तक नए, मौजूदा और सेवानिवृत्त सहित कुल 122123 केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों ने यूपीएस को चुना

कारोबारअब तक 17.24 लाख टोकन से 87 लाख टन धान की खरीदी, किसानों  को 7 हजार 771 करोड़ रुपए का भुगतान