LIC-SEBI: आपके पास 16 मई 2027 तक का समय, सेबी ने जीवन बीमा निगम को दी राहत, जानें माजरा
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: May 15, 2024 13:44 IST2024-05-15T13:44:00+5:302024-05-15T13:44:56+5:30
LIC-SEBI: बीमा कंपनी के अनुसार, एलआईसी के लिए 10 प्रतिशत सार्वजनिक शेयरधारिता हासिल करने की संशोधित समयसीमा 16 मई 2027 या उससे पहले है।

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LIC-SEBI: जीवन बीमा निगम (एलआईसी) को बाजार नियामक सेबी ने 10 प्रतिशत सार्वजनिक शेयरधारिता मानदंड का पालन करने के लिए 16 मई 2027 तक तीन साल का अतिरिक्त समय दिया है। फिलहाल एलआईसी में सरकारी हिस्सेदारी 96.50 प्रतिशत और सार्वजनिक हिस्सेदारी 3.50 प्रतिशत है। एलआईसी ने शेयर बाजार को दी सूचना में बताया, ‘भारतीय प्रतिभूति व विनिमय बोर्ड (सेबी) ने 14 मई 2024 को पत्र के जरिए भारतीय जीवन बीमा निगम को 10 प्रतिशत सार्वजनिक शेयरधारिता हासिल करने के लिए तीन साल का अतिरिक्त समय देने के फैसले की जानकारी दी।’ बीमा कंपनी के अनुसार, एलआईसी के लिए 10 प्रतिशत सार्वजनिक शेयरधारिता हासिल करने की संशोधित समयसीमा 16 मई 2027 या उससे पहले है।
सेबी ने क्वालिटी के पूर्व प्रवर्तक पर पांच लाख रुपये का जुर्माना लगाया
बाजार नियामक सेबी ने भेदिया कारोबार नियमों के उल्लंघन को लेकर मंगलवार को डेयरी कंपनी क्वालिटी लि. के पूर्व प्रवर्तक संजय ढींगरा पर पांच लाख रुपये का जुर्माना लगाया। साथ ही उन्हें छह महीने के लिए प्रतिभूति बाजार से प्रतिबंधित कर दिया। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने ढींगरा को गलत तरीके से अर्जित 2.12 करोड़ रुपये 10 प्रतिशत ब्याज के साथ लौटाने का भी निर्देश दिया।
उन्हें यह ब्याज जुलाई, 2018 से पैसा चुकाने की तारीख तक देना होगा। सेबी के महाप्रबंध जी रमर ने आदेश में कहा, ‘‘संजय ढींगरा ने 12 अप्रैल, 2018 से 24 जुलाई, 2018 के बीच क्वालिटी के शेयर खरीदे और बेचे थे। यह भेदिया कारोबार निरोधक (पीआईटी) नियमों के तहत छह महीने की प्रतिबंधित न्यूनतम अवधि से कम है।
इसके अंतर्गत किसी नामित व्यक्ति को छह महीने की अवधि के दौरान कारोबार करने की अनुमति नहीं थी।’’ उन्होंने कहा, ‘‘नोटिस प्राप्तकर्ता ने इस कारोबार के माध्यम ये 2.12 करोड़ रुपये का लाभ कमाया...।’’ कंपनी के प्रवर्तक और प्रबंध निदेशक के रूप में संजय ढींगरा जांच अवधि के दौरान नामित व्यक्ति थे।
इन सब पर गौर करते हुए सेबी ने संजय ढींगरा पर पांच लाख रुपये का जुर्माना लगाया। साथ ही उन्हें छह महीने के लिए प्रतिभूति बाजारों से प्रतिबंधित कर दिया। क्वालिटी लि. के शेयर मूल्य में हेराफेरी की शिकायतों के आधार पर सेबी ने मामले की जांच की थी।