नयी दिल्ली 17 सितंबर कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय के सचिव रवि मित्तल ने शुक्रवार को कहा कि देशभर में अगले कुछ वर्षों के दौरान करीब 50 करोड़ लोगों को कौशल प्रदान करने के लिए लाखों प्रशिक्षकों की जरुरत है।
उन्होंने कहा कि किसी भी तरह के कौशल को बढ़ावा देने में प्रशिक्षकों की भूमिका महत्वपूर्ण है।
मित्तल ने कहा, ‘‘अगले कुछ वर्षों के दौरान 50 करोड़ लोगों को कौशल प्रदान की जरुरत है। अगर हमें भारत को अगले स्तर पर ले जाना है, तो हमें लोगों को कुशल बनाने की जरुरत है और इसके लिए हमारे प्रशिक्षकों की भूमिका अधिक महत्वपूर्ण हो जाती है।’’
सचिव ने कौशल प्रशिक्षकों को सम्मानित करते हुए कौशलाचार्य पुरस्कार 2021 की घोषणा के दौरान कहा कि हमें सैकड़ों हजारों और लाखों प्रशिक्षकों की एक सेना बनानी होगी क्योंकि 50 करोड़ लोगों को प्रशिक्षित करने के लिए उनकी आवश्यकता होगी।
इस अवसर पर कौशल विकास और उद्यमिता मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने प्रशिक्षकों के मानकीकरण और कुशल लोगों की घरेलू और विश्व दोनों स्तर पर मांग पर ध्यान केंद्रित करने का आह्वान किया।
उन्होंने कहा कि स्कूल में 26 करोड़ सीट हैं और उनके लिये 10 करोड़ अध्यापक हैं। इस प्रकार यदि हमें 50 करोड़ लोगों को प्रशिक्षित करना है तो अंदाजा लगाया जा सकता है कि कितने प्रशिक्षक और मास्टर प्रशिक्षकों की आवश्यकता होगी।’’
उन्होंने सुझाव दिया कि प्रशिक्षण स्थानीय भाषा में होना चाहिए और प्रशिक्षकों को कौशल के दायरे को बढ़ाने के लिए छात्रों को मातृभाषा में बातें समझानी चाहिए।
प्रधान ने भविष्य में नौकरियों के अवसर को गहराई से तलाशने और भविष्य की कौशल मांग को समझने का भी आह्वान किया।
उन्होंने कहा कि सरकार कौशल को शैक्षिक समानता प्रदान करने और एक मजबूत एकीकृत पारिस्थितिकी तंत्र बनाने पर काम कर रही है।
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