नयी दिल्ली, 22 दिसंर टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन का कहना है कि कोविड19 संकट ने दुनिया को पारस्परिक सहयोग के एक नए दौर की एक नयी दहलीज पर ला खड़ा किया है जाहां व्यक्ति , कंपनियां और देश आपस में सहयोग के लिए पहले की तुलना में अधिक तत्पर हैं।
उनका मानना है कि इस संकट से वैश्विक सहयोग के माध्यम ही उबरा जा सकता है।
नमक से लेकर कंप्यूटर साफ्टवेयर बनाने वाले टाटा समूह के विश्व भर में फैले साढ़े सात लाख से अधिक कर्मचारियों को नव वर्ष के एक संदेश में चंद्रशेखरन ने कहा कि महामारी ने नियम बदल दिए हैं, प्राथमिकताएं बदल गयी हैं, सुरक्षा और प्रतिरोधक क्षमता पर ज्यादा ध्यान दिया जा रहा है। जब-जितना-जरूरी हो का बंदोबस्त रखने की जगह हर समय घट -बढ़ के लिए पूरी तैयारी को प्रथमिकता मिल रही है।
उन्होंने कहा कि ये बदला आने वाली नीय उभरती अर्थव्यवस्था की झलक हैं।
उन्होंने कहा कि हाल में अलग अलग कंपनियों से बढ कर जिस तरह नागरिकों और सरकारों ने जिस तरह मिल जुल कर काम किया है उसकी इससे पहले कल्पना नहीं की जा सकती थी। उन्होंने कहा,‘ मेरा मानना है कि हम सहयोग के एक नए युग की दहलीज पर हैं। इसमें व्यक्ति , कंपनियां और देश साथ मिल कर काम करने को पहले से अधिक तत्पर हैं।’
उन्होंने कहा कि इस तरह का सहयोग आज की आवश्यकता है। इसी संबंध में उन्होंने कोविड के टीके के वितरण के लिए आवश्यक प्रयासों का उल्लेख किया और कहा कि किसी वैक्सिन को हर देश में पहुंचाने का कार्य एक अभूतपूर्व जटिल अंतरराष्ट्रीय सहयोग का कार्य है। नये नये रोगों की तीव्र जांच और नए उपचारों के बारे में भी यह बात कही जा सकती है।
उन्होंने कहा कि इस महामारी से हमने यह भी सीखा कि ऐसे कई काम जो घर से बाहर जा कर किए जाते थे उन्हें घर में बैठ कर भी उतनी ही अच्छी तरह किया जा सकता है। इसमें खरीदारी, शिक्षा और स्वास्थ्य सुश्रुसा और कार्यालय का काम शामिल है।
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