कोविड-19 ने एक झटके में सामाजिक-आर्थिक प्रणाली की कमजोरी उजागर कर दी : यूएनडीपी
By भाषा | Updated: December 16, 2020 22:12 IST2020-12-16T22:12:11+5:302020-12-16T22:12:11+5:30

कोविड-19 ने एक झटके में सामाजिक-आर्थिक प्रणाली की कमजोरी उजागर कर दी : यूएनडीपी
नयी दिल्ली, 16 दिसंबर कोविड-19 महामारी को असमानताओं तथा सामाजिक एवं आर्थिक प्रणालियों में कमजोरियों को उजागर करने में बहुत कम समय लगा है। संयुक्तराष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) की बुधवार को जारी एक रिपोर्ट में यह निष्कर्ष निकाला गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि ऐसे में अब हमें प्रकृति के विरुद्ध नहीं , उसके साथ मिल कर जीने की काफी जरूरत है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि दुनिया के समक्ष कोविड-19 एक नया संकट है, लेकिन यदि मनुष्य ने प्रकृति को अपने ‘चंगुल’ से आजाद नहीं किया, तो यह आखिरी संकट नहीं होगा।
रिपोर्ट में मानव प्रगति पर एक प्रयोगात्मक सूचकांक को शामिल किया गया है। यह विभिन्न देशों में कॉर्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन पर गौर करता है।
रिपोर्ट कहती है कि कोविड-19 को असमानताओं के अलावा सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक प्रणाली में कमजोरियों को उजागर करने में कोई समय नहीं लगा।
रिपोर्ट में कहा गया है कि मानव विकास में आगे चुनौती प्रकृति से लड़ने नहीं बल्कि उसके साथ मिल कर चलने और सामाजिक नियमों, मूल्यों में बदलाव लाने की है।
यूएनडीपी की रिपोर्ट में सुझाव दिया गया है कि दुनिया के नेताओं के पास अब साहसी कदमों के जरिये प्रकृति पर दबाव कम करने का विकल्प है।
रिपोर्ट के अनुसार, ‘‘यदि हमें दुनिया में एक संतुलन के साथ रहना है तो एजेंसयिों और सशक्तीकरण के जरिये हमें कार्रवाई करनी होगी। आज हम इतिहास के ऐसे अभूतपूर्व पल में है, जहां मानव गतिविधियां सभी चीजों को आकार दे रही हैं।’’
रिपोर्ट कहती है कि हम जिस रास्ते पर हैं उसे बदलने के लिए हमें अपने रहने, काम करने और सहयोग के तरीके में बड़ा बदलाव लाना होगा।
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