झारखंड सरकार ने पेश किया 91,277 करोड़ रुपये का बजट, राजकोषीय घाटा 10,210 करोड़ रुपये

By भाषा | Published: March 3, 2021 09:21 PM2021-03-03T21:21:46+5:302021-03-03T21:21:46+5:30

Jharkhand government presents budget of Rs 91,277 crore, fiscal deficit of Rs 10,210 crore | झारखंड सरकार ने पेश किया 91,277 करोड़ रुपये का बजट, राजकोषीय घाटा 10,210 करोड़ रुपये

झारखंड सरकार ने पेश किया 91,277 करोड़ रुपये का बजट, राजकोषीय घाटा 10,210 करोड़ रुपये

रांची, तीन मार्च:भाषाः झारखंड विधानसभा में वित्त मंत्री डा. रामेश्वर उरांव ने बुधवार को विपक्षी सदस्यों के हंगामे के बीच वित्तीय वर्ष 2021-22 का कुल 91277 करोड़ रुपये का बजट पेश किया जिसमें शिक्षा, ग्रामीण विकास एवं स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार पर विशेष ध्यान दिया गया है।

बजट में जहां कुल 10 हजार, 210 करोड़ रुपये का राजकोषीय घाटा दिखाया गया है वहीं धन की कमी के चलते इसमें बेरोजगारी भत्ता देने का कोई प्रावधान नहीं किया जा सका है।

डा. उरांव ने बजट में राजस्व व्यय के लिए 75755 करोड़, एक लाख रुपये का प्रावधान किया है जबकि पूंजीगत व्यय का प्रावधान सिर्फ 15521 करोड़, 99 लाख रुपये है।

वित्त मंत्री के बजट भाषण के दौरान विधान सभा में मुख्य विपक्षी भाजपा और उसके सहयोगी दल आजसू ने विरोध स्वरूप ‘समानांतर बजट’ पेश किया और उनके सदस्य सरकार की नीतियों के खिलाफ अध्यक्ष के आसन के समक्ष बैठकर जोर-जोर से नारेबाजी करते रहे।

बजट में कुल राशि का 14.52 प्रतिशत शिक्षा पर, 14.16 प्रतिशत राशि ग्रामीण विकास पर और स्वास्थ्य एवं पेयजल पर 8.55 प्रतिशत राशि व्यय करने का प्रावधान किया गया है।

उरांव ने बताया कि कोरोना संकट के चलते राज्य की अर्थव्यवस्था में लगभग 6.9 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गयी लेकिन आगामी वित्त वर्ष में एक बार फिर राज्य की वास्तविक आर्थिक वृद्धि दर साढ़े नौ प्रतिशत रहने का अनुमान है। उन्होंने बताया कि वर्तमान मूल्य पर अगले साल वृद्धि दर 13.6 प्रतिशत रहने का अनुमान है।

उन्होंने बताया कि आगामी वित्तीय वर्ष में कुल 10210 करोड़, 87 लाख रुपये के राजकोषीय घाटे का अनुमान है जो आगामी वित्तीय वर्ष के राज्य के सकल घरेलू उत्पाद का 2.83 प्रतिशत होगा जो चार प्रतिशत तक की राजकोषीय घाटे की सीमा से कम काफी कम होगा।

आज पेश राज्य के बजट में कुल 4023 करोड़, 71 लाख रुपये के बजटीय घाटे का अनुमान लगाया गया है जो राज्य के सकल घरेलू उत्पाद का 1.11 प्रतिशत होगा।

राज्य सरकार ने सत्ताधारी झारखंड मुक्ति मोर्चा और कांग्रेस पार्टी द्वारा अपने चुनावी घोषणा पत्रों में बेरोजगारों को बेरोजगारी भत्ता देने के लिए किये गये वादे को पूरा करने हेतु लगातार दूसरे वर्ष भी कोई बजटीय प्रावधान नहीं किया। वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने बजट के बाद आयोजित संवाददाता सम्मेलन में स्वीकार किया कि उनकी सरकार 2019 के विधानसभा चुनावों में बेरोजगारी भत्ता देने का वादा करने के बावजूद धन की कमी से अब तक इसका बजटीय प्रावधान नहीं कर सकी है।

उन्होंने कहा कि कोविड की स्थिति से निपटने में अत्यधिक व्यय के चलते ही राज्य सरकार आगामी वित्तीय वर्ष के बजट में भी बेरोजगारी भत्ते के लिए बजटीय उपबंध नहीं कर सकी है।

झामुमो ने स्नातक बेरोजगारों को नौकरी मिलने तक पांच हजार रुपये का बेरोजगारी भत्ता एवं स्नातकोत्तर बेरोजगारों को नौकरी मिलने तक सात हजार रुपये का भत्ता देने की घोषणा की थी।

बजट में आगामी वित्तीय वर्ष में ‘झारखंड कृषि रिण माफी योजना के लिए 1200 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है। वर्ष 2020-21 में इस मद में दो हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया था लेकिन अब तक रसरकार इस योजना का ठीक से चला नहीं सकी है।

संवाददाता सम्मेलन में वित्त मंत्री ने बताया कि उनकी सरकार का प्रयास है कि वर्तमान वित्तीय वर्ष के अंत तक किसान रिण माफी योजना के तहत पचास हजार रुपये तक के रिण लेने वाले किसानों का लगभग एक हजार करोड़ रुपये का रिण माफ कर दिया जायेगा।

गठबंधन सरकार में शामिल कांग्रेस पार्टी ने सत्ता में आते ही राज्य के सभी किसानों के दो लाख रुपये तक के रिण माफ करने की घोषणा की थी।

बजट में राज्य सरकार ने राज्य के सभी प्रमंडलों में गो मुक्ति धाम की स्थापना की योजना बनायी है जहां मृत्यु प्राप्त गो के शरीर का पवित्र तरीके से निष्पादन कराया जा सके।

आगामी वित्तीय वर्ष में राज्य सरकार को अपने कर राजस्व से ही 23265 करोड़, 42 लाख रुपये, केन्द्रीय सहायता से 17891 करोड़, 48 लाख रुपये, गैर कर राजस्व से 13500 करोड़ रुपये, केन्द्रीय करों में राज्य की हिस्सेदारी के रूप में 22050 करोड़ दस लाख रुपये, लोक रिण से 14500 करोड़ रुपये तथा उधार एवं अग्रिम वसूली से लगभग सत्तर करोड़ रुपये प्राप्त होने की संभावना है।

आगामी वित्तीय वर्ष में राज्य सरकार मनरेगा के तहत 11.50 करोड़ मानव दिवस का सृजन करेगी जिसमें मजदूरी के तौर पर केन्द्र सरकार से प्राप्त होने वाली 194 रुपये की राशि के स्थान पर 31 रुपये बढ़ाकर राज्य सरकार 225 रुपये दिये जायेंगे। इस मद में राज्य सरकार कुल 331 करोड़ रुपये अपने संसाधनों से व्यय करेगीपहु।

बजट में विदेशों में पढ़ने जाने वाले अनुसूचित जनजाति के दस छात्रों को प्रति वर्ष आर्थिक सहायता प्रदान करने का प्रावधान किया गया है।

आगामी वित्त वर्ष में राज्य में झारखंड खुला विश्वविद्यालय की स्थापना का भी लक्ष्य रखा गया है जिससे सुदूर ग्रामीण इलाकों में उच्चतर शिक्षा की पहुंच हो सके।

बजट में सखी मंडलों को मजबूत करने आजीविका संवर्धन हुनर अभियान से 26 लाख अतिरिक्त लोगों को जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है।

राज्य सरकार ने अब झारखंड में आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना का नाम बदलकर राज्य में इसे आयुष्मान भारत मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना नाम से संचालित करने का निर्णय लिया है।

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने जहां बजट पेश होने के बाद पत्रकारों से कहा कि उनकी सरकार द्वारा विधानसभा में पेश आगामी वित्तीय वर्ष का बजट जनहितकारी है ।

मुख्य विपक्षी भारतीय जनता पार्टी ने इसे जनता के साथ छलावा बताते हुए आरोप लगाया कि बजट में किसानों के दो लाख रुपये तक के रिण माफ करने और युवाओं को बेरोजगारी भत्ता देने के लिए कहीं कोई प्रावधान नहीं है।

राज्य के पूर्व मंत्री और पूर्व विधानसभाध्यक्ष सीपी सिंह ने कहा कि हेमंत सोरेन की सरकार ने केन्द्र की आयुष्मान भारत योजना और प्रधानमंत्री आवास योजनाओं के नाम बदल कर अपना नंबर बढ़ाने की कोशिश की है लेकिन राज्य की जनता सब कुछ जानती है।

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