International Credit Card: अंतरराष्ट्रीय क्रेडिट कार्ड के जरिये विदेशी मुद्रा में किया जाने वाला खर्च भी अब रिजर्व बैंक की उदारीकृत धन-प्रेषण योजना (एलआरएस) के दायरे में आ गया है।
वित्त मंत्रालय ने मंगलवार को विदेशी मुद्रा प्रबंधन (चालू खाता लेनदेन) संशोधन नियम, 2023 अधिसूचित करते हुए कहा है कि अंतरराष्ट्रीय क्रेडिट कार्ड के जरिये विदेश में किए गए खर्च को भी एलआरएस में शामिल किया जा रहा है। एलआरएस के तहत एक व्यक्ति रिजर्व बैंक की अनुमति के बगैर भी एक वित्त वर्ष में अधिकतम 2.5 लाख डॉलर की राशि विदेश में भेज सकता है।
इस अधिसूचना में एलआरएस को शामिल करने के बाद 2.5 लाख डॉलर से अधिक मूल्य की विदेशी मुद्रा के किसी भी धन-प्रेषण के लिए आरबीआई की मंजूरी लेनी जरूरी होगी। इस अधिसूचना के पहले तक विदेश यात्रा के दौरान खर्चों के लिए अंतरराष्ट्रीय क्रेडिट कार्ड से किए गए भुगतान एलआरएस के दायरे में नहीं आते थे।
वित्त मंत्रालय ने आरबीआई के साथ परामर्श के बाद जारी अधिसूचना में विदेशी मुद्रा प्रबंधन नियम, 2000 की धारा सात को हटा दिया है। इससे विदेश में अंतरराष्ट्रीय क्रेडिट कार्ड से किया गया भुगतान भी एलआरएस के दायरे में आ गया है।
इंडसलॉ की साझेदार श्रेया पुरी ने कहा कि इंटरनेशनल क्रेडिट कार्ड के जरिये विदेश में भुगतान की पूर्व-अनुमति तभी लेनी होगी जब निर्धारित मौद्रिक सीमा को पार किया गया हो। उन्होंने कहा, "हमें देखना होगा कि उद्योग इन बदलावों को किस तरह लेता है।"