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वित्त वर्ष 2020-21 में अप्रत्यक्ष कर संग्रह 12 प्रतिशत बढ़कर 10.71 लाख करोड़ रुपये हुआ

By भाषा | Updated: April 13, 2021 19:07 IST

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नयी दिल्ली, 13 अप्रैल वित्त मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि वित्त वर्ष 2020-21 में शुद्ध अप्रत्यक्ष कर संग्रह इससे पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 12.3 प्रतिशत बढ़कर 10.71 लाख करोड़ रुपये हो गया, जो संशोधित अनुमान से अधिक है।

वित्त वर्ष 2019-20 में अप्रत्यक्ष कर संग्रह 9.54 लाख करोड़ रुपये था, जिसमें जीएसटी, सीमा शुल्क और उत्पाद शुल्क शामिल हैं। वित्त वर्ष 2020-21 के संशोधित अनुमान (आरई) में 9.89 लाख करोड़ रुपये के संग्रह का लक्ष्य तय किया गया था।

वर्ष 2020-21 में केंद्र का शुद्ध जीएसटी संग्रह 5.48 लाख करोड़ रुपये रहा, जबकि सीमा शुल्क से 1.32 लाख करोड़ रुपये मिले।

मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि केंद्रीय उत्पाद शुल्क और सेवा कर (बकाया) के मद में शुद्ध कर संग्रह 3.91 लाख करोड़ रुपये रहा, जो इससे पिछले वित्त वर्ष के दौरान 2.45 लाख करोड़ रुपये था। इसमें 59.2 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई।

बयान में कहा गया, ‘‘वित्त वर्ष 2020-21 के लिए अप्रत्यक्ष कर संग्रह (जीएसटी और गैर-जीएसटी) के अस्थायी आंकड़े बताते हैं कि वित्त वर्ष 2019-20 के 9.54 लाख करोड़ रुपये की तुलना में शुद्ध राजस्व संग्रह 10.71 लाख करोड़ रुपये है, जो 12.3 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है।’’

शुद्ध अप्रत्यक्ष कर संग्रह के आंकड़ों से पता चलता है कि समीक्षाधीन अवधि में कर संग्रह संशोधित अनुमान के 108.2 प्रतिशत के बराबर रहा।

मंत्रालय ने कहा कि वास्तविक जीएसटी संग्रह कुल लक्षित संग्रह (आरई के अनुसार) का 106 प्रतिशत है, हालांकि यह इससे पिछले वित्त वर्ष (2019-20) की तुलना में आठ प्रतिशत कम हैं।

बयान में कहा गया कि कोविड-19 के चलते वित्त वर्ष की पहली छमाही में जीएसटी संग्रह प्रतिकूल रूप से प्रभावित हुआ, लेकिन दूसरी छमाही में जीएसटी संग्रह में वृद्धि दर्ज की गई और इस दौरान प्रतिमाह यह आंकड़ा एक लाख करोड़ रुपये से अधिक रहा। मार्च में जीएसटी का सबसे अधिक संग्रह 1.24 लाख करोड़ रुपये हुआ।

कोविड-19 की दूसरी लहर से अप्रैल में राजस्व संग्रह प्रभावित होने के सवाल पर केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) के अध्यक्ष एम अजीत कुमार ने कहा, ‘‘मुझे पूरा यकीन है कि हम अप्रैल के दौरान राजस्व संग्रह में मजबूत उछाल देखेंगे। यहां तक कि हम पिछले महीने के मुकाबले कहीं अच्छा करेंगे। हमें ऐसी उम्मीद है।’’

उन्होंने चालू वित्त वर्ष के लक्ष्यों के बारे में कहा, ‘‘मुझे लगता है कि लक्ष्य काफी सामान्य हैं। मुझे लगता है कि इन्हें पाया जा सकता है। पिछले छह महीनों में हमने हर महीने एक लाख करोड़ रुपये (जीएसटी संग्रह) के लक्ष्य को पार किया है और मुझे नहीं लगता कि इस महीने इसमें कोई बदलाव होगा।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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