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भारतीय अर्थव्यवस्था में तेजी, जुलाई-सितंबर तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर 6.3 प्रतिशत, जानें राजकोषीय घाटा का क्या हाल

By सतीश कुमार सिंह | Updated: November 30, 2022 17:56 IST

सरकार का राजकोषीय घाटा अक्टूबर में पूरे साल के बजट अनुमान के 45.6 प्रतिशत पर पहुंच गया है। लेखा महानियंत्रक (सीजीए) द्वारा बुधवार को जारी आंकड़ों से यह जानकारी मिली।

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ठळक मुद्देचालू वित्त वर्ष के पहले सात माह अप्रैल-अक्टूबर के दौरान 7,58,137 करोड़ रुपये रहा है।पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में राजकोषीय घाटा 2021-22 के बजट अनुमान के 36.3 प्रतिशत पर रहा था। देश के आठ प्रमुख बुनियादी उद्योगों की वृद्धि दर अक्टूबर महीने में सुस्त पड़कर 0.1 प्रतिशत रही है।

नई दिल्लीः दुनिया के कई देश में अर्थव्यवस्था का बुरा हाल हुआ है। कोरोना के कारण विकसित इकोनॉमी पर असर देखने को मिल रहा है। भारतीय अर्थव्यवस्था ने शानदार ग्रोथ दिखाया है। सरकारी आंकड़े के अनुसार देश की जीडीपी वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष की जुलाई-सितंबर तिमाही में 6.3 प्रतिशत रही है।

राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) की तरफ से बुधवार को जारी आंकड़ों के अनुसार जीडीपी वृद्धि दर पिछले वित्त वर्ष 2021-22 की जुलाई-सितंबर तिमाही में 8.4 प्रतिशत रही थी। जीडीपी से आशय देश की भौगोलिक सीमा में एक निश्चित समय अवधि में उत्पादित वस्तुओं और सेवाओं के कुल मूल्य से है।

विश्लेषकों का अनुमान था कि दूसरी तिमाही में आर्थिक वृद्धि दर अप्रैल-जून तिमाही के 13.5 प्रतिशत के मुकाबले आधी रहेगी। रेटिंग एजेंसी इक्रा ने जुलाई-सितंबर 2022 तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर 6.5 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया था जबकि भारतीय स्टेट बैंक की रिपोर्ट में इसके 5.8 प्रतिशत रहने की संभावना जतायी गयी थी।

इस महीने प्रकाशित भारतीय रिजर्व बैंक के एक बुलेटिन में जीडीपी वृद्धि दर 6.1 से 6.3 प्रतिशत तक रहने की संभावना जतायी गयी थी। चीन की आर्थिक वृद्धि दर इस साल जुलाई-सितंबर तिमाही में 3.9 प्रतिशत रही थी। सरकार का राजकोषीय घाटा अक्टूबर में पूरे साल के बजट अनुमान के 45.6 प्रतिशत पर पहुंच गया है।

लेखा महानियंत्रक (सीजीए) द्वारा बुधवार को जारी आंकड़ों से यह जानकारी मिली। सरकार के व्यय और राजस्व का अंतर यानी राजकोषीय घाटा मूल्य के हिसाब से चालू वित्त वर्ष के पहले सात माह अप्रैल-अक्टूबर के दौरान 7,58,137 करोड़ रुपये रहा है।

इससे पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में राजकोषीय घाटा 2021-22 के बजट अनुमान के 36.3 प्रतिशत पर रहा था। पूरे वित्त वर्ष 2022-23 में सरकार ने राजकोषीय घाटा 16.61 लाख करोड़ रुपये या सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 6.4 प्रतिशत पर रहने का अनुमान लगाया है। देश के आठ प्रमुख बुनियादी उद्योगों की वृद्धि दर अक्टूबर महीने में सुस्त पड़कर 0.1 प्रतिशत रही है।

बुधवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, एक साल पहले इसी महीने में बुनियादी उद्योगों की वृद्धि दर 8.7 प्रतिशत थी। वहीं पिछले महीने सितंबर में बुनियादी उद्योगों की वृद्धि दर 7.8 प्रतिशत रही थी। आठ बुनियादी उद्योगों...कोयला, कच्चा तेल, प्राकृतिक गैस, रिफाइनरी उत्पादों, उर्वरक, इस्पात, सीमेंट और बिजली...की वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-अक्टूबर के दौरान 8.2 प्रतिशत रही जो एक साल पहले इसी अवधि में 15.6 प्रतिशत थी। आंकड़ों के अनुसार, अक्टूबर महीने में कच्चे तेल, प्राकृतिक गैस, रिफाइनरी उत्पाद और सीमेंट क्षेत्र के उत्पादन में गिरावट आई।

(इनपुट एजेंसी)

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