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निम्न वृद्धि दर की स्थिति में भी भारत का कर्ज स्तर कम होगा: मुख्य आर्थिक सलाहकार

By भाषा | Updated: January 29, 2021 21:35 IST

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नयी दिल्ली, 29 जनवरी मुख्य अर्थशास्त्री के वी सुब्रमणियम ने शुक्रवार को कहा कि आर्थिक वृद्धि के कारण कर्ज के मामले में एक स्थिरता बनी है। उन्होंने कहा कि अगर भारत की वास्तविक जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) वृद्धि दर 2022-23 से 2028-29 तक 3.8 प्रतिशत भी रहती है, तो भी देश का कर्ज का स्तर नीचे आएगा।

सुब्रमणियम ने यह भी कहा कि भारत बुनियादी ढांचे पर खर्च पर जोर के साथ विस्तार वाली राजकोषीय नीति को अपनाता रहा है।

उन्होंने संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘आर्थिक वृद्धि कर्ज में स्थिरता लाती है...अगर भारत की वास्तविक जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) वृद्धि दर 2022-23 से 2028-29 तक 3.8 प्रतिशत भी रहती है, तो भी देश का कर्ज का स्तर नीचे आएगा।’’

सीईए ने कहा कि भारत को निश्चित रूप से वृद्धि पर ध्यान देना चाहिए ताकि हम पुनर्वितरण करने में सक्षम हों और लोगों का गरीबी से बाहर निकाला जाए। उन्होंने कहा कि वृद्धि से 85 प्रतिशत वृद्धि का उन्मूलन हो सकता है।

उन्होंने कहा कि भारत ने इस भीषण संकट से निपटने के लिये परिपक्वता के साथ और जो साहसिक कदम उठाये, उसका जब भी आकलन होगा, भारत की सराहना की जाएगी।

सुब्रमणियम ने यह भी कहा कि सार्वजनिक स्वास्थ्य पर खर्च बढ़ाकर जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) का 2.5 प्रतिशत किये जाने से लोगों की जेब पर इलाज खर्च का बोझ कम पड़ेगा।

उन्होंने अनुसंधान एवं विकास पर खर्च मौजूदा करीब 1.5 प्रतिशत से 3 प्रतिशत करने का भी आह्वान किया।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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