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Income Tax Audit Report:  7 अक्टूबर तक रिपोर्ट जमा कीजिए?, मोदी सरकार ने दी राहत

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: September 30, 2024 10:45 IST

Income Tax Audit Report: लेखा एवं परामर्श कंपनी मूर सिंघी के कार्यकारी निदेशक रजत मोहन ने कहा कि कर ऑडिट रिपोर्ट को इलेक्ट्रॉनिक रूप से दाखिल करने में आ रही तकनीकी समस्याओं के कारण सरकार को समयसीमा को सात दिन और बढ़ाने का फैसला लेना पड़ा।

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ठळक मुद्देकठिनाइयों के मद्देनजर समय सीमा 30 सितंबर से बढ़ाकर सात अक्टूबर की जा रही है। आयकर अधिनियम, 1961 पर निजी क्षेत्र और कर विशेषज्ञों से सुझाव आमंत्रित करने का प्रस्ताव किया है।

Income Tax Audit Report:आयकर विभाग ने 2023-24 के लिए ऑडिट रिपोर्ट दाखिल करने की तारीख सात दिन बढ़ाकर सात अक्टूबर कर दी है। आयकर विभाग ने एक परिपत्र में कहा, आयकर अधिनियम के तहत विभिन्न ऑडिट रिपोर्ट को इलेक्ट्रॉनिक दाखिल करने में करदाताओं के समक्ष आ रही कठिनाइयों के मद्देनजर समय सीमा 30 सितंबर से बढ़ाकर सात अक्टूबर की जा रही है। लेखा एवं परामर्श कंपनी मूर सिंघी के कार्यकारी निदेशक रजत मोहन ने कहा कि कर ऑडिट रिपोर्ट को इलेक्ट्रॉनिक रूप से दाखिल करने में आ रही तकनीकी समस्याओं के कारण सरकार को समयसीमा को सात दिन और बढ़ाने का फैसला लेना पड़ा।

आयकर अधिनियम समीक्षा: सरकार अगले महीने उद्योग से सुझाव आमंत्रित करेगी

प्रत्यक्ष कर कानून को सरल बनाने की कवायद के तहत सरकार ने अक्टूबर से आयकर अधिनियम, 1961 पर निजी क्षेत्र और कर विशेषज्ञों से सुझाव आमंत्रित करने का प्रस्ताव किया है। सूत्रों ने यह जानकारी दी। इस महीने की शुरुआत में उद्योग मंडलों के साथ बैठक में सरकार ने कहा था कि आयकर पोर्टल में एक ऐसी सुविधा बनाई जाएगी, जिसमें आयकर कानून की विभिन्न धाराओं के बारे में सुझाव दिए जा सकेंगे। इसका मकसद भाषा को सरल बनाना और मुकदमेबाजी को कम करना है।

बजट घोषणा के बाद केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने छह दशक पुराने प्रत्यक्ष कर कानून की व्यापक समीक्षा और इसे संक्षिप्त, पढ़ने और समझने में सुगम बनाने के लिए एक आंतरिक समिति गठित की थी। एक सूत्र ने बताया, ‘‘उद्योग संघों के साथ बैठक में राजस्व विभाग ने सुझाव दिया कि आयकर कानून को फिर से तैयार करने के लिए सुझाव को लेकर अक्टूबर के पहले सप्ताह तक पोर्टल पर यह सुविधा डाली जाए।’’ एक अन्य सूत्र ने बताया कि यह कवायद नया कर कानून या कर संहिता लिखने के लिए नहीं है।

सूत्र ने कहा, ‘‘पुराने बेकार पड़ चुके प्रावधानों को हटाने से ही पृष्ठों की संख्या में करीब 100 की कमी आ सकती है। आयकर कानून की समीक्षा का उद्देश्य भाषा को सरल बनाना और मुकदमेबाजी को कम करना है।’’ जुलाई में पेश किए गए 2024-25 के बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रस्ताव दिया था कि आयकर कानून की समीक्षा छह महीने में पूरी हो जाएगी।

यह देखते हुए कि छह महीने की समयसीमा जनवरी में समाप्त हो रही है, व्यापक रूप से उम्मीद है कि संशोधित आयकर अधिनियम संसद के बजट सत्र में लाया जा सकता है। एक अन्य सूत्र ने कहा कि चूंकि कानून में कोई नया बदलाव अपेक्षित नहीं है, इसलिए संशोधित अधिनियम वित्त विधेयक, 2025 का भी हिस्सा बन सकता है।

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