भारत की अर्थव्यवस्था पर आई शानदार रिपोर्ट, 2030 तक देश से पिछड़ जाएगा अमेरिका
By ऐश्वर्य अवस्थी | Published: July 23, 2018 09:29 AM2018-07-23T09:29:27+5:302018-07-23T09:29:27+5:30
भारत सहित एशिया की 10 प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं का सम्मिलित वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) आने वाले 10, 12 सालों में ऊंचियों पर होगा, ये अमेरिका से अधिक हो जाएगा
नई दिल्ली, 23 जुलाई : भारत सहित एशिया की 10 प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं का सम्मिलित वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) आने वाले 10, 12 सालों में ऊंचियों पर होगा, ये अमेरिका से अधिक हो जाएगा। इस बात का खुलासा डीबीएस की एक रिपोर्ट में किया गया है।
रिपोर्ट के मुताबिक इन एशियाई अर्थव्यवस्थाओं का जीडीपी तेज वृद्धि के साथ 2030 तक 28,000 अरब डॉलर हो जाएगी। जिसके हिसाब से ये अमेरिका से कई गुना ज्यादा होगी। इतना ही नहीं डीबीएस की मानें तो इन दस अर्थव्यवस्थाओं में चीन , हांगकांग , भारत , इंडोनेशिया , मलेशिया , फिलिपीन , सिंगापुर , दक्षिण कोरिया , ताइवान और थाइलैंड शामिल हैं। खास बात ये है कि इस लिस्ट में भारत का नाम भी शामिल किया गया है।
जारी की गई रिपोर्ट के मुताबिक ये दस अर्थव्यवस्थाएं आने वाली 2030 तक तेजी से बढ़ेंगी। इनका सम्मिलित वास्तविक जीडीपी (2010 के डॉलर मूल्य) पर 28,350 अरब डॉलर के बराबर होगा। वहीं इस दौरान अमेरिका के जीडीपी की बात करें तो ये सकल घरेलू उत्पाद बढ़ कर 22,330 अरब डॉलर रहेगा। इससे साफ यो रहा है कि कि तरह से 10 एशियाई देश अमेरिका को पीछे छोड़ सकते हैं।
हाल ही में जारी की गई वर्ल्ड बैंक की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत अब दुनिया की छठी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। जिसमें फ्रांस जैसे देश को भारत ने पीछे छोड़ा है। वर्ल्ड बैंक के मुताबिक, भारत की जीडीपी 2017 के आखिर में 2.597 ट्रिलियन डॉलर (178 लाख करोड़ रुपए) रही, जबकि फ्रांस की 2.582 ट्रिलियन डॉलर (177 लाख करोड़ रुपए) रही। इसका मतलब साफ है कि जुलाई 2017 से अब तक भारत की जीडीपी नें उछाल हुआ है।
वहीं, वर्ल्ड बैंक ग्लोबल इकोनॉमिक्स प्रॉस्पेक्टस रिपोर्ट के मुताबिक भारत की अर्थव्यवस्था में उछाल का कारण नोटबंदी है। नोटबंदी जीएसटी के कारण दिखे ठहराव के बाद पिछले साल मैन्युफैक्चरिंग और उपभोक्ता खर्च भारतीय अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने के प्रमुख कारक रहे। ऐसे में अब जाती की गई रिपोर्ट से कयास तेज हो गया है कि भारत 2032 तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता है।