शादी-विवाह के सीजन की मांग से तेल-तिलहनों कीमतों में सुधार

By भाषा | Updated: November 22, 2021 18:57 IST2021-11-22T18:57:23+5:302021-11-22T18:57:23+5:30

Improvement in oil-oilseeds prices due to the demand of marriage season | शादी-विवाह के सीजन की मांग से तेल-तिलहनों कीमतों में सुधार

शादी-विवाह के सीजन की मांग से तेल-तिलहनों कीमतों में सुधार

नयी दिल्ली, 22 नवंबर विदेशों में कारोबार के मिले- जुले रुख और देश में शादी-विवाह तथा जाड़े के मौसम की मांग बढ़ने के कारण देशभर के तेल-तिलहन बाजारों में सोमवार को सोयाबीन तेल-तिलहन, बिनौला, सीपीओ और पामोलीन तेल कीमतें सुधार का रुख दर्शाती बंद हुईं। सरसों और मूंगफली सहित बाकी तेल-तिलहन के भाव अपरिवर्तित रहे।

बाजार सूत्रों ने कहा कि इंदौर एक्सचेंज के वायदा कारोबार में सोमवार को सोयाबीन का भाव बढ़ने के बाद छह प्रतिशत का ऊपरी सर्किट लगाना पड़ा। यहां सोयाबीन का भाव 6,066 रुपये से बढ़कर 6,429 रुपये क्विंटल पर बंद हुआ। उन्होंने कहा कि किसान नीचे भाव पर बिकवाली करने से कतरा रहे हैं जिससे सोयाबीन तेल-तिलहन के भाव में सुधार आया।

सूत्रों ने कहा कि गुजरात की सभी छोटी बड़ी मंडियां मिलाकर वहां सरसों की आवक घटकर रोजाना लगभग दो से ढाई हजार बोरी रह गई है।

उन्होंने कहा कि शिकॉगो एक्सचेंज में एक प्रतिशत की तेजी है जबकि मलेशिया एक्सचेंज में 0.32 प्रतिशत की गिरावट रही।

सूत्रों ने कहा कि पामोलीन के आयात पर आयातकों को लगभग 500 रुपये प्रति क्विंटल का नुकसान है। उन्होंने कहा कि आयातकों को आयात करने पर पामोलीन का भाव 125.50 रुपये किलो पड़ता है और स्थानीय बाजार में इसका भाव 118.60 रुपये किलो है। प्रति किलो तेल पर आयातकों को 6.50-7 रुपये का नुकसान है जबकि प्रति क्विंटल पर 600-700 रुपये का नुकसान है। ऐसे में आयातकों को कम दाम पर स्थानीय बाजार में अपना माल बेचना पड़ता है।

सूत्रों ने कहा कि दिल्ली में नमकीन बनाने वाली कंपनियों की मांग होने से बिनौला और मूंगफली तेल की मांग है। मूंगफली के भाव तो पूर्ववत रहे लेकिन बिनौला तेल के भाव में सुधार देखने को मिला।

उन्होंने कहा कि मांग होने के बावजूद सामान्य कारोबार के बीच सरसों के भाव पूर्वस्तर पर रहे। सरसों की अगली परिपक्व फसल आने में तीन साढ़े तीन माह की देर है। उन्होंने कहा कि सरकार को सरसों का 8-10 लाख टन का स्थायी रूप से स्टॉक रखना चाहिये और गरीब उपभोक्ताओं के लिए सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के जरिये सरसों तेल की आपूर्ति करनी चाहिये। इसके अलावा सरसों के वायदा कारोबार पर प्रतिबंध जारी रखना चाहिये क्योंकि बाकी तेलों का तो आयात किया जा सकता है पर सरसों का कोई विकल्प नहीं है।

बाकी तेल-तिलहनों के भाव अपरिवर्तित रहे।

बाजार में थोक भाव इस प्रकार रहे- (भाव- रुपये प्रति क्विंटल)

सरसों तिलहन - 9,070 - 9,100 (42 प्रतिशत कंडीशन का भाव) रुपये।

मूंगफली - 6,100 - 6,185 रुपये।

मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात)- 13,500 रुपये।

मूंगफली साल्वेंट रिफाइंड तेल 1,975 - 2,100 रुपये प्रति टिन।

सरसों तेल दादरी- 17,870 रुपये प्रति क्विंटल।

सरसों पक्की घानी- 2,760 -2,785 रुपये प्रति टिन।

सरसों कच्ची घानी- 2,840 - 2,950 रुपये प्रति टिन।

तिल तेल मिल डिलिवरी - 16,700 - 18,200 रुपये।

सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 13,680 रुपये।

सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 13,250 रुपये।

सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 12,060

सीपीओ एक्स-कांडला- 11,500 रुपये।

बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 12,570 रुपये।

पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 13,050 रुपये।

पामोलिन एक्स- कांडला- 11,860 (बिना जीएसटी के)।

सोयाबीन दाना 6,450 - 6,500, सोयाबीन लूज 6,350 - 6,400 रुपये।

मक्का खल (सरिस्का) 3,825 रुपये।

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Web Title: Improvement in oil-oilseeds prices due to the demand of marriage season

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