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आईएमएफ ने भारत की विकास दर इस साल के लिए 7.4 फीसदी से घटाकर 6.8% किया

By विनीत कुमार | Updated: October 11, 2022 19:23 IST

आईएफएफ ने इस वित्तीय वर्ष के लिए भारत की विकास दर के अनुमान को घटा दिया है। आईएमएफ ने इसे घटाकर अब 6.8 प्रतिशत कर दिया है। जुलाई में ये अनुमान 7.4 प्रतिशत बताया गया था।

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ठळक मुद्देअंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने भारत के आर्थिक विकास दर के अनुमान को घटाया।जुलाई में इस साल के लिए आईएमएफ ने जीडीपी में 7.4 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान लगाया था। अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष से पहले विश्व बैंक भी भारत के आर्थिक विकास दर के इस साल के अनुमान को घटा चुकी है।

नई दिल्ली: अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने मंगलवार को 2022 में भारत के आर्थिक विकास दर के अपने अनुमान को घटाकर 6.8 प्रतिशत कर दिया। इससे पहले कुछ और वैश्विक एजेंसियों ने भी भारत के विकास दर के अनुमान को घटाया है। 

आईएमएफ ने जुलाई में अप्रैल-2022 में शुरू हुए वित्तीय वर्ष में भारत के लिए सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 7.4 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान लगाया था। यह पूर्वानुमान भी इस साल जनवरी में अनुमानित 8.2 प्रतिशत से भी कम था।

भारत की विकास दर 2021-22 के वित्तीय वर्ष (अप्रैल 2021 से मार्च 2022) में 8.7 प्रतिशत रही थी।मंगलवार को जारी अपनी वार्षिक विश्व आर्थिक आउटलुक रिपोर्ट में आईएमएफ ने कहा कि भारत के लिए 6.8 प्रतिशत की वृद्धि रह सकती है। 

आईएमएफ ने कहा कि 'दुनिया की 3 सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाएं- अमेरिका, चीन और यूरो क्षेत्र में रूकावट जारी रहेगी। हम उम्मीद करते हैं कि वैश्विक मुद्रास्फीति इस साल 9.5% पर पहुंच जाएगी और 2024 तक धीमा होकर 4.1% तक रह जाएगी।'

आईएमएफ ने चीन के लिए विकास दर का अनुमान 3.2 प्रतिशत रखा है, जो 2021 में 8.1 प्रतिशत की वृद्धि दर से कम है। चीन में उसकी जीरो-कोविड नीति के तहत लगातार लॉकडाउन ने अर्थव्यवस्था पर व्यापर असर डाला है। खासकर 2022 की दूसरी तिमाही में इसका असर देखने को मिला। 

इससे पहले पिछले हफ्तेविश्व बैंक ने भी बिगड़ते अंतरराष्ट्रीय हालात का हवाला देते हुए भारत के वृद्धि दर के अनुमान को घटा दिया। विश्व बैंक के अब ताजा अनुमानों के अनुसार, भारतीय अर्थव्यवस्था वित्त वर्ष 2022-23 में 6.5 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी, जो जून, 2022 के अनुमान से एक प्रतिशत कम है। विश्व बैंक ने कहा था कि धीमी गति के बावजूद भारत में दुनिया के बाकी हिस्सों की तुलना में पुनरुद्धार मजबूत है। 

विश्व बैंक के अनुसार भारत के ऊपर कोई बड़ा विदेशी कर्ज नहीं है। इस तरफ से उसे कोई समस्या नहीं है, और उसकी मौद्रिक नीति विवेकपूर्ण रही है। भारतीय अर्थव्यवस्था ने विशेष रूप से सेवा क्षेत्र और विशेष रूप से सेवा निर्यात में अच्छा प्रदर्शन किया है। 

(भाषा इनपुट)

टॅग्स :International Monetary FundGross Domestic Product (GDP)
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