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घरों की बिक्री जुलाई-सितंबर के बीच कोविड से पहले के स्तर के पार: रिपोर्ट

By भाषा | Updated: October 4, 2021 18:35 IST

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नयी दिल्ली, चार अक्टूबर आठ प्रमुख शहरों में मुख्य रूप से स्थिर कीमतों, ब्याज दर काफी कम होने के कारण जुलाई-सितंबर की अवधि के दौरान बिक्री में 92 प्रतिशत की सालाना वृद्धि के साथ घर की मांग ने कोविड से पहले के ​​​​स्तर को पार कर लिया है। संपत्ति सलाहकार कंपनी नाइट फ्रैंक इंडिया ने सोमवार को यह जानकारी दी।

कंपनी ने वर्ष 2021 की तीसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर तिमाही) के लिए अपनी रिपोर्ट ‘इंडिया रियल एस्टेट अपडेट’ (भारतीय रियल एस्टेट के बारे में अद्यतन जानकारी) जारी की। इसमें बताया गया है कि घरों की बिक्री बढ़कर इस दौरान 64,010 इकाई हो गई जो पिछले साल इसी अवधि में 33,404 इकाई थी। वहीं पिछली अप्रैल-जून तिमाही में 27,453 आवासीय इकाइयां बेची गयीं।

परामर्श कंपनी ने कहा, "2021 की तीसरी तिमाही के दौरान समीक्षाधीन शीर्ष आठ बाजारों में घरों की कुल बिक्री 2019 में तिमाही औसत के 104 प्रतिशत तक पहुंच गयी है।"

एक वीडियो कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए, नाइट फ्रैंक इंडिया के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक (सीएमडी) शिशिर बैजल ने घरों की बिक्री में तेज सुधार के लिए "स्थिर कीमतों, आवास ऋण पर ऐतिहासिक रूप से कम ब्याज दरों और अपना घर को लेकर ग्राहकों के बदलते रवैये" को जिम्मेदार बताया।

उन्होंने कहा, "हालांकि बाजारों में रियल एस्टेट कंपनियों के लिए वित्तीय दबाव एक महत्वपूर्ण कारक बना हुआ है, घर खरीदारों के ग्रेड ए कंपनियों को प्राथमिकता देने और सस्ते ऋण की उपलब्धता ने उन्हें इस सुधरते बाजार में अच्छी स्थिति में ला दिया है।"

बैजल ने कहा कि ऐसा लगता है कि बाजार में पिछले साल के विपरीत पूर्ण लॉकडाउन की आशंका कम होने से बाजार को फायदा हुआ है।

2021 की तीसरी तिमाही के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, मुंबई में घरों की बिक्री जुलाई-सितंबर की अवधि के दौरान पिछले वर्ष की समान तिमाही की 7,635 इकाइयों से दोगुनी से अधिक बढ़कर 15,942 इकाई हो गई।

दिल्ली-एनसीआर में बिक्री 48 प्रतिशत बढ़कर 6,147 इकाइयों से 9,101 इकाई हो गई। इसी तरह चेन्नई, पुणे, बेंगलुरु, हैदराबाद, अहमदाबाद और कोलकाता में भी वृद्धि दर्ज की गयी।

इसी तरह कार्यालय क्षेत्र को पट्टे पर लेने में भी वृद्धि देखी गयी।

जुलाई-सितंबर की अवधि में शीर्ष आठ शहरों में इस क्षेत्र में तेज वृद्धि देखी गयी और यह 1.25 करोड़ वर्ग फुट पहुंच गया। इसमें सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र (आईटी) का सबसे बड़ा योगदान रहा। इस तेजी की वजह अर्थव्यवस्था का सामान्य स्थिति में लौटना और कॉरपोरेटे कार्यबल का धीरे-धीरे कार्यस्थलों पर वापस आना है।

नाइट फ्रैंक की रिपोर्ट के अनुसार पिछले साल इसी अवधि में कुल 47 लाख वर्ग फुट कार्यालय क्षेत्र पट्टे पर लिया गया था जबकि पिछली तिमाही (अप्रैल-जून 2021) में यह 36 लाख वर्ग फुट था।

रिपोर्ट के मुताबिक 2021 की तीसरी तिमाही में आठ भारतीय बाजारों के कुल कार्यालय लेनदेन में सुधार हुआ है और यह 2019 के तिमाही औसत स्तर के 83 प्रतिशत तक पहुंच गया है।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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