लौह अयस्क, छर्रों की ऊंची कीमतों से छोटी द्वितीयक इस्पात इकाइयां काम बंद करने पर मजबूर

By भाषा | Published: July 11, 2021 09:16 PM2021-07-11T21:16:01+5:302021-07-11T21:16:01+5:30

Higher prices of iron ore, pellets force small secondary steel units to shut down | लौह अयस्क, छर्रों की ऊंची कीमतों से छोटी द्वितीयक इस्पात इकाइयां काम बंद करने पर मजबूर

लौह अयस्क, छर्रों की ऊंची कीमतों से छोटी द्वितीयक इस्पात इकाइयां काम बंद करने पर मजबूर

कोलकाता, 11 जुलाई लौह अयस्क और छर्रों की अभूतपूर्व ऊंची कीमतें पश्चिम बंगाल सहित विभिन्न राज्यों में छोटी द्वितीयक इस्पात इकाइयां को बंद होने पर या उत्पादन में कटौती करने के लिए मजबूर कर रही हैं।

स्टील री-रोलिंग मिल्स एसोसिएशन के अध्यक्ष विवेक अदुकिया ने कहा कि पश्चिम बंगाल में, ऐसी कम से कम पांच सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) इकाइयां बंद हो गई हैं, जबकि अन्य 100 से 115 इकाइयों ने अपने उत्पादन में 15 से 50 प्रतिशत की कटौती कर दी है।

अदुकिया ने पीटीआई-भाषा से कहा, "द्वितीयक इस्पात एमएसएमई भी दामोदर घाटी निगम (डीवीसी) और डब्ल्यूबीएसईडीसीएल (पश्चिम बंगाल राज्य विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड) से बिजली की जरूरतें त्याग रही हैं।"

पश्चिम बंगाल, ओडिशा, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड, कर्नाटक, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश के द्वितीयक इस्पात संघों ने संयुक्त रूप से, प्रधानमंत्री और इस्पात मंत्री से हस्तक्षेप करने और पर 50 प्रतिशत निर्यात शुल्क लगाने की अपील की है।

अदुकिया ने कहा कि द्वितीयक इस्पात निर्माता पिछले एक साल से छर्रो पर निर्यात शुल्क लगाने की मांग करते आ रहे हैं लेकिन सरकार ने इसके लिए कोई कारगर उपाय नहीं किया।

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