उच्च वृद्धि दर, तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने के लिये नवोन्मेष बढ़ाना होगा: समीक्षा

By भाषा | Updated: January 29, 2021 16:35 IST2021-01-29T16:35:27+5:302021-01-29T16:35:27+5:30

High growth rate, innovation will have to be increased to become the third largest economy: Review | उच्च वृद्धि दर, तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने के लिये नवोन्मेष बढ़ाना होगा: समीक्षा

उच्च वृद्धि दर, तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने के लिये नवोन्मेष बढ़ाना होगा: समीक्षा

नयी दिल्ली, 29 जनवरी आर्थिक समीक्षा में उच्च आर्थिक वृद्धि दर और देश को तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने के लिये अन्य उपायों के अलावा विशेषकर निजी क्षेत्र में नवोन्मेष को बढ़ाने पर विशेष ध्यान देने पर जोर दिया गया है।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को संसंद में 2020-21 की आर्थिक समीक्षा पेश करते हुए कहा, ‘‘वर्ष 2007 में वैश्विक नवोन्‍मेष सूचकांक के अस्तित्‍व में आने के बाद 2020 में पहली बार भारत 50 शीर्ष नवोन्‍मेषी देशों में शामिल हुआ। वर्ष 2020 में भारत 48 पायदान पर आ गया, जो 2015 में 81 पर था।’’

उन्होंने कहा, ‘‘भारत मध्‍य और दक्षिण एशिया में पहले नम्‍बर पर और निम्‍न मध्‍यम आय वर्ग की अर्थव्‍यवस्‍थाओं में तीसरे नम्‍बर पर रहा।’’

आर्थिक समीक्षा में अनुसंधान पर अधिक जोर देने की जरूरत का उल्लेख करते हुए कहा गया है, ‘‘ भारत को उच्‍च वृद्धि हासिल करने का रास्‍ता अपनाने और निकट भविष्‍य में तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्‍यवस्‍था बनने के लिए नवोन्‍मेष पर अधिक ध्‍यान देने की आवश्‍यकता होगी।’’

समीक्षा के अनुसार इसके लिए अनुसंधान और विकास पर कुल व्‍यय वर्तमान में जीडीपी के 0.7 प्रतिशत से बढ़ाकर 2 प्रतिशत से अधिक करने की जरूरत है।

इसमें आरएंडडी (अनुसंधान एवं विकास) कर्मियों और देश के अनुसंधानकर्ताओं खासतौर से निजी क्षेत्र के लोगों को उचित तरीके से शामिल करने का आह्वान किया गया है।

अनुसंधान एवं विकास पर भारत का सकल घरेलू व्यय जीडीपी का 0.7 प्रतिशत (वास्तविक रूप से 0.65 प्रतिशत) है जो विश्व की 10 सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के व्यय (1.5 से 3 प्रतिशत) से कम है।

समीक्षा में कहा गया है कि सरकारी क्षेत्र का कुल अनुसंधान एवं विकास पर सकल व्यय (जीईआरडी) में काफी बड़ा योगदान है जो अन्‍य बड़ी अर्थव्‍यवस्‍थाओं के औसत का तीन गुना है।

इसके अनुसार, ‘‘लेकिन जीईआरडी में कंपनी क्षेत्र का योगदान भारत में सबसे कम है। कंपनी क्षेत्र का अन्‍य बड़ी अर्थव्‍यवस्‍थाओं की तुलना में कुल आरएंडडी कर्मियों और अनुसंधानकर्ताओं को योगदान काफी कम है।’’

समीक्षा में कहा गया है, ‘‘नवोन्‍मेष के लिए अन्‍य अर्थव्‍यवस्‍थाओं की तुलना में अधिक उदार कर प्रोत्‍साहनों के बावजूद यह स्थिति बनी हुई है...यह स्थिति इस बात की आवश्‍यकता की ओर संकेत करती है कि भारत के व्‍यावसायिक क्षेत्र को अनुसंधान और विकास में निवेश पर्याप्‍त रूप से बढ़ाना चाहिए।’’

इसमें कहा गया है, ‘‘ नवोन्‍मेष पर भारत का प्रदर्शन अपेक्षा के मुकाबले कम रहा है। कुल जीईआरडी में कंवपी क्षेत्र का योगदान वर्तमान 37 प्रतिशत से बढ़ाकर 68 प्रतिशत करने की आवश्‍यकता है।’’

समीक्षा में नवोन्‍मेषी कार्य प्रणाली को बढ़ावा देने के प्रमुख क्षेत्रों पर ध्‍यान केन्द्रित करने का सुझाव दिया गया है, जिसमें ऋण शोधन अक्षमता का समाधान आसान करने में सुधार, कारोबार शुरू करने की सुगमता, राजनैतिक और परिचालन संबंधी स्थिरता, अतिरिक्‍त व्‍यवसाय की नियामक गुणवत्‍ता शामिल है।

इसमें कहा गया है कि भारत को नवोन्‍मेष में अग्रणी रहने और 2030 तक 10 बड़ी अर्थव्‍यवस्‍थाओं तक पहुंचने के लिए देश में दायर कुल पेटेंट आवेदनों में उसके निवासियों का हिस्‍सा संचयी आधार पर सालाना 9.8 प्रतिशत की दर से बढ़ना चाहिए जो फिलहाल 36 प्रतिशत है।

पेटेंट में बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में योगदान 62 प्रतिशत है।

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Web Title: High growth rate, innovation will have to be increased to become the third largest economy: Review

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