हरियाणा का रोजगार आरक्षण कानून राज्य के औद्योगिक विकास के लिये घातक होगा: फिक्की

By भाषा | Published: March 4, 2021 08:23 PM2021-03-04T20:23:35+5:302021-03-04T20:23:35+5:30

Haryana's employment reservation law will be fatal for the state's industrial development: FICCI | हरियाणा का रोजगार आरक्षण कानून राज्य के औद्योगिक विकास के लिये घातक होगा: फिक्की

हरियाणा का रोजगार आरक्षण कानून राज्य के औद्योगिक विकास के लिये घातक होगा: फिक्की

नयी दिल्ली, चार मार्च भारतीय वाणिज्य उद्योग महासंघ (फिक्की) ने बृहस्पतिवार को कहा कि हरियाणा सरकार का निजी क्षेत्र के उद्योगों में स्थानीय उम्मीदवारों को आरक्षण दिये जाने का कानून राज्य में औद्योगिकी विकास को नुकसान पहुंचाने वाला साबित होगा।

फिक्की के अध्यक्ष उदय शंकर ने कहा कि हरियाणा सरकार द्वारा निजी क्षेत्र के उद्योगों की नौकरियों में स्थानीय युवाओं को 75 प्रतिशत तक आरक्षण दिये जाने का कानून राज्य के औद्योगिक विकास के लिये नुकसानदेह साबित होगा।

शंकर ने कहा, ‘‘निवेशकों और उद्यमियों को अपने कारोबार में प्रतिस्पर्धी और सफल होने के लिये देश में उपलब्ध सबसे बेहतर मानव संसाधन को अपने साथ जोड़ने की जरूरत होती है। ऐसे उद्योगों को एक प्रतिकूलगामी कदम के जरिये मजबूत बनाना उन्हें हरियाणा से आगे देखने को मजबूत करेगा और अंतत: इसका राज्य को नुकसान होगा।’’

उद्योग संगठन ने कहा कि राज्य सरकार का यह कदम देश के संविधान की भावना के भी खिलाफ है। संविधान में देश के लोगों को कहीं भी काम करने की आजादी दी गई है।

कानून फर्म जे सागर एसोसियेट्स में भागीदार अनुपम वर्मा ने इस बारे में कहा कि राज्य में निजी नियोक्ताओं के कर्मचारियों के बारे में निर्णय लेने का अधिकार किसी राज्य सरकार के दायरे में लाना केन्द्र सरकार की कारोबार सुगमता के प्रयासों के खिलाफ जाता है।

उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार के इस कानून की वैधता पहली नजर में शंकित लगती है और यह भारत के संविधान के अनुच्छेद 19(1)(जी) और 16(2) के तहत इसकी न्याययिक जांच में यह ठहर नहीं पायेगा।

एक अन्य उद्योग संगठन भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) ने भी हरियाणा सरकार से इस कानून पर फिर से गौर करने का आग्रह किया है। संगठन ने कहा कि आरक्षण से उद्योगों में उत्पादकता और प्रतिस्पर्धात्मकता प्रभावित होती है।

हरियाणा के राज्यपाल सत्यदेव नारायण आर्य ने राज्य के इस कानून को अपनी संस्तुति दे दी है जिसमें राज्य के निजी क्षेत्र के उद्योगों में 75 प्रतिशत नौकरियां स्थानीय लोगों को देने का प्रावधान किया गया है।

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Web Title: Haryana's employment reservation law will be fatal for the state's industrial development: FICCI

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