नयी दिल्ली, 22 दिसंबर केंद्रीय बंदरगाह एवं पोत परिवहन मंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने प्रमुख बंदरगाहों में सार्वजनिक एवं निजी क्षेत्र की भागीदारी (पीपीपी) वाली परियोजनाओं के लिए बुधवार को शुल्क को लेकर दिशानिर्देश जारी करते हुए कहा कि इससे बाजार अर्थव्यवस्था का नया दौर आएगा।
आधिकारिक बयान के मुताबिक, नए अधिनियम के लागू होने के साथ ही पुराने कानून प्रमुख बंदरगाह तटकर प्राधिकरण अधिनियम के प्रावधान निरस्त हो गए हैं। नया कानून प्रमुख बंदरगाह प्राधिकरण अधिनियम 2021 के तीन नवंबर को लागू होने के बाद तटकर दिशानिर्देश 2021 की जरूरत महसूस की जा रही थी।
इस कदम को बंदरगाहों की पीपीपी परियोजनाओं के लिए शुल्क दरों के नियमों में ढील देने की दिशा में अहम माना जा रहा है।
बयान के मुताबिक, फिलहाल प्रमुख बंदरगाहों की पीपीपी परियोजनाएं देश के बड़े बंदरगाहों पर कुल आवाजाही का करीब 50 प्रतिशत हिस्सा संचालित कर रही हैं।
सोनोवाल ने इन दिशानिर्देशों का ऐलान करते हुए कहा कि सभी पीपीपी परियोजनाओं पर तटकर में सरकारी रियायतें देना जारी रहेगा।
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