नई दिल्लीः माल एवं सेवा कर (जीएसटी) संग्रह मई में सालाना आधार पर 12 प्रतिशत बढ़कर 1,57,090 करोड़ रुपये हो गया है। हालांकि अप्रैल 2023 का रिकॉर्ड टूट नहीं सका। अप्रैल में 1.87 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया था। यह किसी एक महीने में जुटाया गया सबसे अधिक जीएसटी राजस्व था।
जुलाई, 2017 में जीएसटी प्रणाली लागू होने के बाद से सर्वाधिक कर संग्रह का पिछला रिकॉर्ड 1.68 लाख करोड़ रुपये था, जो पिछले साल अप्रैल में बना था। वित्त मंत्रालय ने कर संग्रह आंकड़े जारी करते हुए कहा कि यह हमारे लिए बेहतर प्रदर्शन है।
मंत्रालय ने बताया कि मई में सकल जीएसटी राजस्व 1,57,090 करोड़ रुपये रहा। इसमें केंद्रीय जीएसटी 28,411 करोड़ रुपये, राज्य जीएसटी 35,828 करोड़ रुपये और एकीकृत जीएसटी 81,363 करोड़ रुपये (वस्तुओं के आयात पर जुटाए गए 41,772 करोड़ रुपये सहित) और उपकर 11,489 करोड़ रुपये (माल आयात पर जुटाए गए 1,057 करोड़ रुपये सहित) रहा है।
मंत्रालय ने बयान में कहा, “मई, 2023 में राजस्व पिछले वर्ष इसी महीने के जीएसटी राजस्व संग्रह से 12 प्रतिशत ज्यादा है।” इस दौरान वस्तुओं के आयात पर राजस्व पिछले वर्ष के समान महीने की तुलना में 12 प्रतिशत ज्यादा रहा है और घरेलू लेनदेन पर राजस्व (सेवाओं के आयात समेत) 11 प्रतिशत ज्यादा रहा है।
मई, 2022 में जीएसटी संग्रह 1.41 लाख करोड़ रुपये रहा था। इससे पहले अप्रैल, 2023 में जीएसटी संग्रह रिकॉर्ड 1.87 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया था। वित्त वर्ष 2022-23 में जीएसटी का कुल संग्रह 18.10 लाख करोड़ रुपये रहा था, जो इससे पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 22 प्रतिशत अधिक है। मंत्रालय ने यह भी कहा कि मार्च 2023 में नौ करोड़ ई-वे बिल सृजित हुए जो फरवरी 2023 के 8.1 करोड़ बिल के मुकाबले 11 प्रतिशत अधिक है।